Report By : ICN Network
सरकार ने 10 लाख रुपये से अधिक की कीमत वाले महंगे उत्पादों पर 1% स्रोत पर कर संग्रह (TCS) लागू करने की घोषणा की है, जो 22 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। इसमें कलाई घड़ियाँ, महंगे जूते, कला की वस्तुएँ, नौकाएँ, हेलीकॉप्टर, खेल परिधान, हैंडबैग और अन्य हाई-एंड उत्पाद शामिल हैं। यह प्रावधान वित्त अधिनियम 2024 के तहत लाया गया है और इसकी ज़िम्मेदारी विक्रेता की होगी, जो यह टैक्स ग्राहक से वसूलेगा।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के टैक्स पार्टनर संदीप झुनझुनवाला के अनुसार यह अधिसूचना उच्च मूल्य वाली चीजों की निगरानी बढ़ाने और लग्जरी सामानों से जुड़े खंड में ऑडिट ट्रेल को मजबूत करने की सरकार की मंशा के तहत जारी की गई है। यह कर आधार का विस्तार करने और अधिक वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के व्यापक नीतिगत उद्देश्य का परिचायक है।
उन्होंने बताया कि अब विक्रेताओं को स्रोत पर कर संग्रह (TCS) से जुड़े नियमों का समय पर और सटीक पालन सुनिश्चित करना होगा। वहीं, अधिसूचित महंगे उत्पाद खरीदने वाले उपभोक्ताओं को खरीदारी के दौरान अतिरिक्त KYC प्रक्रियाओं और दस्तावेजों की मांग का सामना करना पड़ सकता है।
झुनझुनवाला ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भले ही यह निर्णय लग्जरी सेक्टर के लिए कुछ कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है, फिर भी इससे नियामकीय पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना है।