एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि आधार जारी करने वाली संस्था UIDAI ने पिछले 14 वर्षों में केवल 1.15 करोड़ आधार नंबर निष्क्रिय किए हैं, जबकि इस दौरान देश जबकि इस दौरान देश में लगभग 11.7 करोड़ लोगों की मृत्यु हो चुकी है. इस असमानता ने आधार डेटा की विश्वसनीयता और इसके अपडेट न होने को लेकर गंभीर सवाल खड़े
भारत में आधार कार्ड को नागरिक पहचान के सबसे बड़े दस्तावेज के रूप में पेश किया गया है, लेकिन अब एक आरटीआई के जवाब से पता चला है कि पिछले 14 वर्षों में सिर्फ 1.15 करोड़ आधार नंबर ही मृत्यु के आधार पर निष्क्रिय किए गए हैं. यह संख्या देश में हुई मौतों के मुकाबले बेहद कम है।