शहर में कूड़ा प्रबंधन बेहतर करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने गोवा की तर्ज पर वेस्ट टू एनर्जी मॉडल का चयन किया है। अब सेक्टर-123 में 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का कूड़ा निस्तारण प्लांट लगवाएगा। कूड़े से बायोगैस और बिजली बनाई जाएगी। इस प्लांट से एक दिन में करीब 30 हजार यूनिट बिजली तैयार होगी।प्लांट लगाने में 180 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। प्राधिकरण रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर एजेंसियों से प्रस्ताव मांगेगा। गोवा में वेस्ट टू एनर्जी मॉडल के दो प्लांट है जिनमें कूड़ा निस्तारण और उससे बिजली उत्पादन एक साल से हो रहा है। पिछले दिनों नोएडा प्राधिकरण की टीम ने गोवा का दौरा किया था। अब उसी तर्ज पर नोएडा में भी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने की तैयारी है।
गोवा में प्लांट का संचालन कर रही एजेंसी और जन स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को प्राधिकरण में प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान सीईओ डॉ. लोकेश एम, एसीईओ संजय खत्री व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बताया गया कि यह प्लांट किस तरह से नोएडा में उपयोगी है।रोज निकलता है 760 मीट्रिक टन कूड़ाइस समय शहर में रोजाना 600 मीट्रिक टन गीला और 160 मीट्रिक टन सूखा निकल रहा है।
ग्रेटर नोएडा के अस्तौली में प्रस्तावित प्लांट के काम में तेजी न होने से प्राधिकरण अपनी खुद की तैयारी कर रहा है।
सेक्टरों और सोसाइटियों के लिए 6 छोटे प्लांट
प्राधिकरण ने छह छोटे कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की योजना भी बनाई है। अलग-अलग सेक्टर में लगने वाले इन प्लांट की क्षमता 40 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगी। इसमें 25 मीट्रिक टन गीले कूड़े का निस्तारण बायोमेथिनाइजेशन से होगा। 15 मीट्रिक टन सूखे कूड़े का निस्तारण छंटनी और फिर उपयोग से होगा। इसके लिए भी शनिवार को प्राधिकरण में जन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रस्तुतिकरण दिया गया। ये प्लांट पीपीपी मॉडल पर लगेंगे। प्राधिकरण को लगाने और संचालन दोनों का कोई खर्च नहीं देना होगा। सेक्टर-34, 52, 100, 50, 30, 51, 71 में ऐसे प्लांट पहले से ही लगे हैं।