डीडीए ने जानकारी दी है कि करीब 30 हेक्टेयर क्षेत्र में रिहायश विकसित हो रही है जहां आवासीय, वाणिज्यिक और नागरिक सुविधाएं एक परिसर में होंगी। यहां 48 मंजिला 155 मीटर ऊंची इमारतें बनाई जा रही हैं, जो दिल्ली की अब तक की सबसे ऊंची इमारतें होंगी। डीडीए ने पहले चरण में 1,026 दो बेडरूम वाले फ्लैट बेचने की योजना बनाई है। इन फ्लैट की कीमत 1.78 करोड़ से 3.09 करोड़ रुपये के बीच रखी गई है। इनका आकार 142 से 250 वर्गमीटर तक होगा। फ्लैटों की बुकिंग प्रक्रिया ऑनलाइन नीलामी से होगी। डीडीए की वेबसाइट www.dda.gov.in या https://eservices.dda.org.in पर जाकर पंजीकरण किया जा सकता है। परियोजना की सबसे बड़ी खासियत है कि ये कड़कड़डूमा मेट्रो इंटरचेंज स्टेशन के पास है। ब्लू और पिंक दोनों मेट्रो लाइनें यहां से गुजरती हैं। एनएच-9, एनएच-24, आनंद विहार रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी के नजदीक है। इसमें 20,000 वर्गमीटर का हरित क्षेत्र, जॉगिंग ट्रैक, खुला व्यायाम स्थल, क्रिकेट फील्ड, बैडमिंटन कोर्ट और बच्चों के खेलने की जगह मिलेगी। यह परियोजना एनबीसीसी की निगरानी में और नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी बना रही है। परियोजना पानी, सीवरेज से जुड़ी अड़चनों के कारण अटकी थी जिसे 2022 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के हस्तक्षेप से दूर किया गया
दिल्ली: कड़कड़डूमा में 48 मंजिला टावरिंग हाइट्स प्रीमियम आवासीय योजना लॉन्च

डीडीए ने जानकारी दी है कि करीब 30 हेक्टेयर क्षेत्र में रिहायश विकसित हो रही है जहां आवासीय, वाणिज्यिक और नागरिक सुविधाएं एक परिसर में होंगी। यहां 48 मंजिला 155 मीटर ऊंची इमारतें बनाई जा रही हैं, जो दिल्ली की अब तक की सबसे ऊंची इमारतें होंगी। डीडीए ने पहले चरण में 1,026 दो बेडरूम वाले फ्लैट बेचने की योजना बनाई है। इन फ्लैट की कीमत 1.78 करोड़ से 3.09 करोड़ रुपये के बीच रखी गई है। इनका आकार 142 से 250 वर्गमीटर तक होगा। फ्लैटों की बुकिंग प्रक्रिया ऑनलाइन नीलामी से होगी। डीडीए की वेबसाइट www.dda.gov.in या https://eservices.dda.org.in पर जाकर पंजीकरण किया जा सकता है। परियोजना की सबसे बड़ी खासियत है कि ये कड़कड़डूमा मेट्रो इंटरचेंज स्टेशन के पास है। ब्लू और पिंक दोनों मेट्रो लाइनें यहां से गुजरती हैं। एनएच-9, एनएच-24, आनंद विहार रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी के नजदीक है। इसमें 20,000 वर्गमीटर का हरित क्षेत्र, जॉगिंग ट्रैक, खुला व्यायाम स्थल, क्रिकेट फील्ड, बैडमिंटन कोर्ट और बच्चों के खेलने की जगह मिलेगी। यह परियोजना एनबीसीसी की निगरानी में और नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी बना रही है। परियोजना पानी, सीवरेज से जुड़ी अड़चनों के कारण अटकी थी जिसे 2022 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के हस्तक्षेप से दूर किया गया