आपको बता दें कि मायावती पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हैं और ऐसा कयास लगाए जा रहा है कि कैडर के दबाव के चलते मायावती की ओर से भी इंडिया गठबंधन में आने की शर्त रख दी गई है। इसको लेकर अमरोहा से सांसद और मायावती के करीबी माने जाने वाले मलूक नागर ने कहा है कि मायावती को इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री का चेहरा बनाए बगैर इंडिया गठबंधन बेमानी है। मोदी को रोकना के लिए मायावती जरुरी
आगे मलूक नागर ने ये भी कहा कि अगर इंडिया गठबंधन सचमुच बीजेपी को हराना चाहता है तो उसे मायावती को इंडिया गठबंधन का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाना होगा अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर मोदी को रोकना किसी गठबंधन के बूते का नहीं है। मलूक नागर ने वोट फीसदी को लेकर कहा कि 13 फीसदी मायावती का वोट और विपक्ष का 37-38 फीसदी वोट निर्णायक बढ़त दे सकता है, जो यूपी में बीजेपी के 44 फीसदी से काफी ज्यादा है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि मायावती को प्रधानमंत्री का चेहरा इंडिया गठबंधन द्वारा बना जाए। अखिलेश के लिए बड़ी टेंशन
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में अखिलेश ने बीएसपी के साथ बातचीत का मुद्दा उठाया था। अखिलेश ने कड़े तेवर दिखाते हुए पूछा था कि क्या कांग्रेस पार्टी इस गठबंध के इतर बीएसपी के साथ बातचीत कर रही है, क्या वह बीएसपी को इस गठबंधन में लाना चाहती है? कांग्रेस सबसे पहले इस पर अपना रुख स्पष्ट करे। अगर कांग्रेस ऐसा चाहती है तो वह साफ कर दे क्योंकि तब समाजवादी पार्टी को भी अपना स्टैंड इस गठबंधन को लेकर साफ करना पड़ेगा।