यूपी के मुजफ्फरनगर में नए सड़क दुर्घटना कानून के विरोध में नए साल के पहले दिन रोडवेज और निजी वाहनों के चालक हड़ताल पर चले गए हैं। इससे मुजफ्फरनगर डिपो की अधिकांश बसें खड़ी हो गई हैं। निजी सवारी वाहन भी खड़े कर दिए गए हैं। वाहन चालकों की हड़ताल से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।सोमवार को अपने गंतव्य को जाने के लिए बस अड्डे पहुंचे यात्रियों को परेशान होना पड़ा।
रोडवेज बस स्टैंड पर यात्री पहुंचे तो सभी बस डिपो में खड़ी मिली। चालक और परिचालकों ने हड़ताल से तो इंकार किया। लेकिन नए कानून के विरोध में वाहन संचालन से साफ इंकार कर दिया।रोडवेज डिपो अधिकारियों ने भी किसी भी यूनियन की ओर से हड़ताल के आह्वान की बता से इंकार किया। कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर बसों को रोका गया है। बस चालक यूनियन नेता हरेन्द्र कुमार ने कहा कि हड़ताल नहीं है लेकिन हम नए कानून में किये गए प्रावधान का विरोध करते हैं। एक्सीडेंट में मौत पर सात लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। गरीब बस चालक सात लाख कहां से दे पाएगा? कहा कि सरकार कानून बनाए यदि नशे में चालक एक्सीडेंट करता है तो उसे सजा दी जाए। रोडवेज बस स्टैंड पर परिवार के साथ यात्रा पर पहुंचे आशुतोष शर्मा ने कहा कि उन्हें देहरादून जाना था। बस नहीं मिल रही। परेशानी हो रही है। प्राइवेट बस अड्डे पर गए थे, उसके बाद हाईवे पर गए थे। लेकिन कोई वाहन नहीं मिला। दिक्कत हो रही है लेकिन हड़ताल की पूर्व सूचना देनी चाहिए थी।सवारी वाहनों के अलावा चालकों ने ट्रक और अन्य वाहन भी खड़े कर दिए हैं। चीनी मिलों में गन्ना ढुलाई में लगे ट्रकों का भी चक्का जाम कर दिया गया। कई गन्ना खरीद केंद्रों पर ट्रक नहीं पहुंचे। गन्ना लेकर सेंटर पहुंचे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।