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UP-गाज़ीपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुष्ठ रोगियों की पहचान को लेकर चलाया अभियान, डोर टू डोर रोगियों की बारीकी से की पड़ताल

यूपी के गाज़ीपुर में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान जो 21 दिसंबर से 4 जनवरी तक पूरे जनपद में पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर चलाया गया। जिसका सकारात्मक परिणाम भी निकाल कर सामने आया। इस अभियान में 54 कुष्ठ रोगियों की खोज हुई है।जिन्हें एमडीटी के तहत इलाज किया गया। साथ ही यह संभव है कि इस अभियान का आने वाले कुछ समय में और परिणाम निकल कर सामने आए। क्योंकि बहुत सारे लोग सामाजिक डर से अपने इस रोग को किसी को बताना नहीं चाहते हैं।

इस अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही साथ एसीएमओ और नोडल कुष्ठ रोग डॉ रामकुमार खुद इस अभियान में ग्राउंड पर पहुंचकर रोगियों की खोज की।नोडल डॉ रामकुमार ने बताया कि यह अभियान एक महत्वपूर्ण अभियान में था। क्योंकि सरकार के द्वारा इसे पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर चलाया गया था। जिसमें घर-घर स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे और रोगियों के बारे में जानकारी हासिल किया। इसी क्रम में वह स्वयं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैदपुर के अंतर्गत ग्राम होलीपुर सहित कई गांव में रोगियों के खोज में जुटे।यह अभियान 21 दिसंबर से शुरू होकर 4 जनवरी तक चला। जिसमें करीब 35 लाख लोगों का परीक्षण किया गया। जिसमें से 2060 संदिग्ध रोगी पाए गए। संदिग्ध की जांच के पश्चात 54 कुष्ठ रोगी की पुष्टि हुई। इसके पश्चात इन सभी मरीजों को एमडीटी योजना के तहत इलाज किया गया।कुष्ठ एक संक्रामक रोग है। यह ‘माइकोबैक्टीरियम लेप्रे’ नामक जीवाणु के कारण होता है, जो एक एसिड-फास्ट रॉड के आकार का बेसिलस है। यह त्वचा के अल्सर, तंत्रिका क्षति और मांसपेशियों को कमजोर करता है। कुष्ठ रोग में त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। धब्बे संवेदना रहित होते हैं और रोग की शुरुआत बहुत धीमी गति व शांति से होती है। यह तंत्रिकाओं, त्वचा और आंखों को प्रभावित करता है।

सभी संक्रामक रोगों में कुष्ठ रोग अत्यधिक घातक है, क्योंकि इस रोग में स्थाई शारीरिक दिव्यांगता हो सकती है एवं इस रूप में विशेष रुप से रोग में दिखने वाली दिव्यांगता ही मरीज के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव के लिए जिम्मेदार है। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह गंभीर विकृति और दिव्यांगता का कारण बन सकता है। कुष्ठ रोगियों के पैरों के तलवों में छाले, मांसपेशियों की कमजोरी और वजन में कमी सामान्य सी बात है।कुष्ठ रोग का शीघ्र पता चल जाए तो इसका उपचार मल्टी ड्रग थेरेपी (एम.डी.टी.) द्वारा संभव है। एमडीटी के उपचार के बाद इस रोग की पुनरावृत्ति दुर्लभ होती है | कुष्ठ रोग के लक्षण दिखने पर अपने क्षेत्र की आशा या एएनएम से संपर्क करें या निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर एमडीटी निःशुल्क उपलब्ध है।

By ICN Network

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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