आपको बता दें कि साइबर स्कैमर्स भोले-भाले लोगों के फोन में सेंध लगाने के लिए फिशिंग ऐप या वायरस का यूज़ करते हैं। मोबाइल पर मैसेज के रूप में आए लिंक पर क्लिक करने के बाद, वह एक वेबसाइट पर ले जाता है, जहां से फोन में एक खतरनाक वायरस या ऐप इंस्टॉल हो जाता है। हैरानी की बात ये है कि कई बार साइबर ठग मोबाइल का रिमोट एक्सेस भी ले लेते हैं। इसके बाद वह चोरी छिपे मोबाइल से जिंदगी भर की कमाई लूट लेते हैं। ढेरों केस आए सामने
पिछले कुछ दिनों से साइबर फ्रॉड के ऐसे ढेरों केस सामने आ चुके हैं, जिसमें स्कैमर्स ने बड़ी चालाकी से बैंक अकाउंट से कई लाखों रुपये निकाल लिए। एक बार फिशिंग ऐप इंस्टॉल करने के बाद स्कैमर्स आपके बैंक डिटेल और OTP आदि को एक्सेस कर सकते हैं। जिसके बाद वह जब चाहें आपके बैंक खाता खाली कर सकते हैं। अगर आपके पास भी ऐसा कोई मैसेज आए तो उससे बचे।