आपको बता दें कि ध्रुव राठी एक फेमस यूट्यूबर हैं। जो देश और दुनिया के समसामयिक विषयों पर एक्सप्लेनर के अंदाज में वीडियो बनाते हैं। दरअसल, हाल ही में केजरीवाल ने अपने ट्विटर हैंडल से ध्रुव का एक वीडियो शेयर किया था. जिसको लेकर केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ और ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को समन भेजा। दिल्ली हाईकोर्ट में जज स्वर्ण कांता शर्मा ने इस मामले में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। बताते चले कि जिस वीडियो को लेकर पूरा विवाद है, वह साल 2018 के मई महीने का है और मानहानि दायर करने वाले शख्स का नाम विकास पाण्डेय है। मई वाले वीडियो से उपजे विवाद को अच्छे से जानने के लिए इसी साल मार्च में अपलोड किए गए एक और वीडियो की पृष्ठभूमि से आपको गुजरना होगा। केजरीवाल ने दी थी सफाई
इस पर केजरीवाल ने सफाई देते हुए कहा था कि वीडियो को तो कई और लोगों ने शेयर, लाइक किया। बावजूद इसके, सिर्फ उन पर मुकदमा दायर करना विकास पाण्डेय की बदनीयत को दिखाता है। अदालत ने अपने फैसले में इस बात को हाईलाइट किया कि अपमानजनक कंटेंट को शेयर या फिर यूं कहें कि री-ट्वीट करना मानहानि ही के बराबर है। तो मैजिस्ट्रेट और सेशंस कोर्ट से मायूस होने के बाद केजरीवाल ने हाईकोर्ट का रुख किया था लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। हाईकोर्ट ने ये कहा…
जज स्वर्ण कांता शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि एक्स पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ठीक-ठाक फॉलोअर्स हैं और जिस तरह का उनका राजनीतिक कद है, वे भलीभांति इस बात से वाकिफ होंगे कि उस वीडियो को शेयर करने का क्या नतीजा हो सकता है। जज ने ये भी कहा कि वीडियो में जो कंटेट था, उस बारे में केजरीवाल को मालूम था या नहीं और उसको शेयर करने के पीछे क्या उनकी मानहानि की मंशा थी, ये बात ट्रायल कोर्ट की सुनवाई के दौरान ही साफ होगी।