Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
प्रयागराज जिला अदालत में कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर फौजदारी का केस दर्ज हुआ है। केस दर्ज कर उन्हें अदालत ने नोटिस जारी किया है। दरअसल, जयराम रमेश ने 1 जून को दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह जिला कलेक्टर्स को फोन करके डरा-धमका रहे हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह से अमित शाह 150 अधिकारियों को फोन कर चुके हैं। जयराम ने इसे शर्मनाक बताया था।
जयराम रमेश के खिलाफ यह वाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील और उत्तर प्रदेश के सह संयोजक विधि विभाग भाजपा सुशील कुमार मिश्र की ओर से दाखिल किया गया है। वकील सुशील कुमार मिश्र का कहना है कि अदालत ने सुनवाई कर केस दर्ज करने के बाद जयराम रमेश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई के लिए 23 अगस्त की डेट तय हुई है।
रविवार को इलेक्शन कमीशन ने जयराम रमेश के दावे का संज्ञान लिया। कमीशन ने जयराम रमेश को एक पत्र लिखकर कहा कि वे अपने दावे से जुड़ी डिटेल शेयर करें। ताकि इस मामले में सही एक्शन लिया जा सके।
कमीशन ने जयराम रमेश को लिख पत्र में कहा कि आचार संहिता लागू होने के दौरान सभी अधिकारी इलेक्शन कमीशन को रिपोर्ट करते हैं। अब तक किसी DM ने ऐसी जानकारी नहीं दी है, जैसे आप दावा कर रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि वोट काउंटिंग की प्रक्रिया एक पवित्र ड्यूटी है, जो हर रिटर्निंग अफसर को सौंपी गई है। आपके ऐसे बयान इस प्रक्रिया पर संदेह पैदा करते हैं, इसलिए इस बयान पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
कमीशन ने आगे कहा कि आप एक नेशनल पार्टी के जिम्मेदारी, अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं। जो फैक्ट और जानकारी आपको सही लगी, उसके आधार पर काउंटिंग की तारीख से पहले आपने ऐसा बयान दिया, इसलिए आपसे हमारी रिक्वेस्ट है कि आप उन 150 DM की डिटेल हमें दें, जिन्हें गृहमंत्री की तरफ से फोन किए जाने का आप दावा कर रहे हैं। इसके साथ ही आप तथ्यात्मक जानकारी और अपने दावे का आधार भी बताएं। यह जानकारी आप 2 जून को शाम 7 बजे तक दें, ताकि जरूरी कार्रवाई की जा सके।
इसके जवाब में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस इलेक्शन कमीशन का सम्मान करती है, लेकिन अब तक यह संस्था जिस तरह से काम करती आई है, उसकी वजह से इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इलेक्शन कमीशन संवैधानिक संस्था है, इसे निष्पक्ष होना चाहिए।