असम पुलिस प्रमुख ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। वे असम-मेघालय कैडर के 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं
इससे पहले, कार्यवाहक प्रभार खड़ा होगा जिसका नाम निर्धारित होगा ा जों 31 दिसंबर 2024 तिथि अनुसार अनीश दयाल सिंह की पेंशन सेवानिवृत्ति के बाद काफी काम किया करते हैं असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का नया महानिदेशक नियुक्त किया गया है। लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनके नाम पर मुहर लगाई
सिंह, असम-मेघालय कैडर के 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं। आधिकारिक आदेश के अनुसार, उनका कार्यकाल 30 नवंबर, 2027 तक या अगले आदेश तक रहेगा इससे पहले, सीआरपीएफ के महानिदेशक का कार्यवाहक प्रभार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वितुल कुमार बल संभाल रहे थे, जो 31 दिसंबर, 2024 को अनीश दयाल सिंह की सेवानिवृत्ति के बाद यह जिम्मेदारी निभा रहे थे। जीपी सिंह असम के पुलिस महानिदेशक के रूप में अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं। उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने और उग्रवाद से निपटने में अहम भूमिका निभाई है, जो अब सीआरपीएफ के नेतृत्व में उनके अनुभव का लाभ देगा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है, जो आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने और उग्रवाद से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी स्थापना 27 जुलाई, 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव्स पुलिस के रूप में हुई थी। 28 दिसंबर, 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के पारित होने के बाद इसे अपना वर्तमान नाम मिला। 85 साल के गौरवशाली इतिहास के साथ, यह बल देश की सुरक्षा के लिए अपनी सेवा देता रहा है जीपी सिंह की नियुक्ति से उम्मीद है कि उनकी नेतृत्व क्षमता और व्यापक अनुभव के तहत सीआरपीएफ और मजबूत होगी। उनके कार्यकाल में आंतरिक सुरक्षा और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में और बेहतर परिणाम की संभावना जताई जा रही है। उनकी नियुक्ति देश के सुरक्षा तंत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है