सैफ अली खान भोपाल के नवाब परिवार से जुड़े हुए हैं. जानिए कैसे वो किससे अपनी 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर लड़ रहे हैं सैफ अली खान को 15 हज़ार करोड़ रुपये की चपत लग सकती है, क्योंकि वह भोपाल राज परिवार की संपत्तियों पर दावा कर रहे हैं, जो शत्रु संपत्ति के रूप में सरकार द्वारा बेचे जाने का खतरा झेल रही हैं। यह संपत्ति भोपाल के आखिरी नवाब, हमीदुल्लाह खान की थी, जो पाकिस्तान के समर्थक थे और मोहम्मद अली जिन्ना के करीबी मित्र थे। इतिहास के अनुसार, नवाब हमीदुल्लाह ने पाकिस्तान में शामिल होने की योजना बनाई थी, लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं हुए और उनका निधन 1960 में हुआ। उनकी तीन बेटियां थीं, जिनमें से सबसे बड़ी, आबिदा सुल्तान पाकिस्तान चली गईं और वहीं नागरिकता ले ली, जबकि दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान भारत में रहीं और उन्हें पिता की संपत्ति का वारिस माना गया। सैफ अली खान, जो साजिदा सुल्तान की पोते हैं, इस संपत्ति के वारिस माने जाते हैं। हालांकि, सरकार ने साजिदा के बजाय आबिदा सुल्तान को वारिस मानते हुए यह दावा किया कि इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति माना जाए, क्योंकि आबिदा पाकिस्तान चली गईं थीं। इस विवाद के परिणामस्वरूप, भोपाल की ये आलीशान संपत्तियां, जिनकी कुल कीमत लगभग 15 हजार करोड़ रुपये है, अब शत्रु संपत्ति के तौर पर पहचानी जा रही हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण संपत्तियों में फ़्लैग स्टाफ हाउस, नूर उस सबाह पैलेस, दार उस सलाम, अहमदाबाद पैलेस, और कोहेफिजा शामिल हैं 2014 में, कस्टोडियन ऑफ एनीमी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट ने इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति के रूप में नोटिस जारी किया था, जिसे सैफ अली खान और उनकी मां शर्मिला टैगोर ने चुनौती दी थी
सैफ को कैसे लग सकती है 15 हजार करोड़ रुपये की चपत? जान लीजिए शत्रु संपत्ति क्या होती है
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सैफ अली खान भोपाल के नवाब परिवार से जुड़े हुए हैं. जानिए कैसे वो किससे अपनी 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर लड़ रहे हैं सैफ अली खान को 15 हज़ार करोड़ रुपये की चपत लग सकती है, क्योंकि वह भोपाल राज परिवार की संपत्तियों पर दावा कर रहे हैं, जो शत्रु संपत्ति के रूप में सरकार द्वारा बेचे जाने का खतरा झेल रही हैं। यह संपत्ति भोपाल के आखिरी नवाब, हमीदुल्लाह खान की थी, जो पाकिस्तान के समर्थक थे और मोहम्मद अली जिन्ना के करीबी मित्र थे। इतिहास के अनुसार, नवाब हमीदुल्लाह ने पाकिस्तान में शामिल होने की योजना बनाई थी, लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं हुए और उनका निधन 1960 में हुआ। उनकी तीन बेटियां थीं, जिनमें से सबसे बड़ी, आबिदा सुल्तान पाकिस्तान चली गईं और वहीं नागरिकता ले ली, जबकि दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान भारत में रहीं और उन्हें पिता की संपत्ति का वारिस माना गया। सैफ अली खान, जो साजिदा सुल्तान की पोते हैं, इस संपत्ति के वारिस माने जाते हैं। हालांकि, सरकार ने साजिदा के बजाय आबिदा सुल्तान को वारिस मानते हुए यह दावा किया कि इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति माना जाए, क्योंकि आबिदा पाकिस्तान चली गईं थीं। इस विवाद के परिणामस्वरूप, भोपाल की ये आलीशान संपत्तियां, जिनकी कुल कीमत लगभग 15 हजार करोड़ रुपये है, अब शत्रु संपत्ति के तौर पर पहचानी जा रही हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण संपत्तियों में फ़्लैग स्टाफ हाउस, नूर उस सबाह पैलेस, दार उस सलाम, अहमदाबाद पैलेस, और कोहेफिजा शामिल हैं 2014 में, कस्टोडियन ऑफ एनीमी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट ने इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति के रूप में नोटिस जारी किया था, जिसे सैफ अली खान और उनकी मां शर्मिला टैगोर ने चुनौती दी थी