लखनऊ के लोकभवन में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जिसमें कुल 15 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में कई अहम नीतिगत फैसले लिए गए जिनका सीधा असर प्रदेश के नागरिकों पर पड़ेगा।
कैबिनेट ने प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के स्वयंसेवकों के भत्ते में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, जिससे इन जवानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। अयोध्या के ब्रह्मकुंड क्षेत्र में मंदबुद्धि छात्रों के लिए डे केयर स्कूल की स्थापना के लिए 4000 वर्ग मीटर नजूल भूमि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को प्रदान की गई है। इसके साथ ही, हाथरस में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए भूमि हस्तांतरण को मंजूरी दी गई, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को मजबूती मिलेगी।
अयोध्या में 300 बेड के आधुनिक चिकित्सालय के निर्माण के लिए पुराने सीतापुर आई हॉस्पिटल की भूमि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को हस्तांतरित की गई है। परिवहन विभाग के कर ढांचे में बदलाव का प्रस्ताव भी पारित हुआ, जिससे कर व्यवस्था और अधिक पारदर्शी और प्रभावी होगी। वहीं, उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2017 के तहत उन इकाइयों को अब अनुदान दिया जाएगा जो पहले किसी कारणवश इस नीति के तहत लाभ नहीं ले सकी थीं।
एक और बड़ा निर्णय यमुना एक्सप्रेसवे को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ने की परियोजना से जुड़ा है। यह कार्य पहले यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के अधीन था, लेकिन अब इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंप दिया गया है ताकि इस काम में तेजी लाई जा सके। इसके अलावा, कार्यशील हाईटेक टाउनशिप परियोजनाओं के अंतर्गत गृह कर और जल कर से संबंधित नीतियों में भी संशोधन किया गया है, जिससे इन टाउनशिप्स के निवासियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलेंगे।
इन सभी फैसलों से प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, शिक्षा और औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार को उम्मीद है कि इन निर्णयों से प्रदेश के नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और विकास की गति को और तेज किया जा सकेगा।