Report By : ICN Network
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने मराठी भाषा के मुद्दे पर एक बार फिर आक्रामक रुख अपनाया है। हाल ही में, एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एमएनएस के पंजीकरण को रद्द करने की मांग की, जिससे पार्टी में नाराजगी फैल गई। एमएनएस के प्रवक्ता और मुंबई इकाई के अध्यक्ष, संदीप देशपांडे, ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि उत्तर भारतीय समुदाय मराठी लोगों की पार्टी को समाप्त करने का प्रयास करता है, तो यह विचार करना होगा कि उन्हें मुंबई और महाराष्ट्र में रहने दिया जाए या नहीं।
उत्तर भारतीय विकास सेना के कार्यकर्ता सुनील शुक्ला ने एमएनएस पर आरोप लगाया कि पार्टी न केवल उत्तर भारतीयों के खिलाफ है, बल्कि हिंदू विरोधी भी है, क्योंकि उनके कार्यकर्ताओं ने हाल ही में बैंक अधिकारियों पर हमले किए थे। इस बीच, शिवसेना नेता संजय निरुपम ने निर्दोष बैंक अधिकारियों पर हमले की निंदा करते हुए कहा कि मराठी भाषा के उपयोग को प्रोत्साहित करना गलत नहीं है, लेकिन हिंसा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
एमएनएस का यह रुख राज्य की राजनीति में एक बार फिर भाषा और क्षेत्रीयता के मुद्दे को उजागर करता है, जिससे विभिन्न समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है।