Report By : ICN Network
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पद संभाले डेढ़ महीने से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक उन्हें आधिकारिक आवास नहीं मिल पाया है। यह स्थिति उस समय और भी ज्यादा चर्चा में आ गई जब यह सामने आया कि वे अब भी अपने निजी घर से ही शासन चला रही हैं। आमतौर पर मुख्यमंत्री को कार्यभार ग्रहण करने के कुछ दिनों के भीतर आवास आवंटित कर दिया जाता है, लेकिन रेखा गुप्ता के मामले में ऐसा नहीं हो सका।
माना जा रहा है कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उपयोग किए गए 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले की पेशकश की गई थी, लेकिन रेखा गुप्ता ने उस आवास को लेने से इनकार कर दिया। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि वह निवास पहले से ही विवादों में घिरा हुआ है, जहां एक आलीशान रिनोवेशन और भ्रष्टाचार से जुड़ी जांच की प्रक्रिया भी जारी है।
PWD (लोक निर्माण विभाग), जो सरकारी भवनों और आवासों का प्रबंधन करता है, अब नई मुख्यमंत्री के लिए उपयुक्त निवास की तलाश में जुटा है। सुरक्षा, स्थान और अन्य सुविधाओं के मद्देनज़र फिलहाल ऐसा कोई निवास तय नहीं हो पाया है जो मुख्यमंत्री के मानकों को पूरा कर सके।
इस देरी को लेकर विपक्ष ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के पास न तो स्थायी दफ्तर है और न ही आधिकारिक निवास, जिससे सरकार के कामकाज की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। वहीं, सरकार के अधिकारी कह रहे हैं कि जल्द ही समाधान निकाल लिया जाएगा और नए मुख्यमंत्री आवास की व्यवस्था पूरी प्राथमिकता के साथ की जा रही है।
फिलहाल रेखा गुप्ता अपने निजी निवास से ही मुख्यमंत्री के दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं और वहीं से सभी सरकारी बैठकों और फैसलों का संचालन कर रही हैं।