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महाराष्ट्र में त्रिभाषा नीति पर नया फैसला, पुराने दोनों आदेश रद्द, नई समिति का गठन

Report By : ICN Network

महाराष्ट्र सरकार ने तीन भाषा नीति को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने पहले जारी किए गए दोनों सरकारी आदेश (GR) को रद्द कर दिया है। साथ ही एक नई समिति गठित की गई है जो त्रिभाषा नीति पर पुनर्विचार करते हुए विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई समिति का नेतृत्व शिक्षाविद डॉ. नरेंद्र जाधव करेंगे। इस दौरान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद थे।

यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब कक्षा 1 से 5 तक हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाए जाने को लेकर राज्यभर में विरोध की लहर थी। इसी विरोध को ध्यान में रखते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने 16 और 17 अप्रैल 2025 को जारी दोनों GR को निरस्त करने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “हमारी सरकार की नीति मराठी-केंद्रित और छात्र हितैषी है। इस मुद्दे पर राजनीति की कोई जगह नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नई समिति त्रिभाषा सूत्र के क्रियान्वयन को लेकर भविष्य की दिशा तय करेगी।

यह कदम भाषा नीति को लेकर राज्य में बनी असहमति को दूर करने और मराठी भाषा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिक्षाविद् नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की भी घोषणा की, जो भाषा नीति के कार्यान्वयन और आगे की राह सुझाएगी। सीएम फडणवीस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे ने कक्षा 1 से 12 तक तीन-भाषा नीति लागू करने के लिए डॉ. रघुनाथ माशेलकर समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था और नीति कार्यान्वयन पर एक समिति गठित की थी।
फडणवीस ने कहा, “राज्य मंत्रिमंडल ने त्रिभाषा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में अप्रैल और जून में जारी सरकारी संकल्प (जीआर) को कक्षा एक से वापस लेने का फैसला किया है। त्रिभाषा फार्मूले के क्रियान्वयन की सिफारिश करने के लिए डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की भी घोषणा की।”

बता दें कि फडणवीस सरकार ने 16 अप्रैल को एक सरकारी आदेश जारी किया था, जिसमें अंग्रेजी और मराठी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाया गया था। इसके विरोध के बीच, सरकार ने 17 जून को संशोधित सरकारी आदेश जारी कर हिंदी को वैकल्पिक भाषा बना दिया था।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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