Report By : ICN Network
महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के विस्तार की दिशा में एक अहम फैसला लिया है। बांद्रा ईस्ट में 30 एकड़ भूमि पर नए एकीकृत हाईकोर्ट भवन के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने जमीन से सार्वजनिक उपयोगों का आरक्षण हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह निर्णय ‘विकास योजना 2034’ के अंतर्गत लिया गया है।
यह जमीन पहले कई प्रकार की सार्वजनिक सेवाओं के लिए आरक्षित थी – जैसे सांस्कृतिक केंद्र, सरकारी क्वार्टर, खेल मैदान, बगीचा, बिजली उपकेंद्र, पुलिस स्टेशन, जल पंपिंग स्टेशन, बेस्ट बस शेल्टर, सार्वजनिक हॉल और कार्यालय व सड़कें।
इस ज़मीन के एक हिस्से पर गौतम नगर और कमला नगर की झुग्गियां बसी थीं, जो करीब 4.09 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई हैं। राज्य मंत्रिमंडल ने इन झुग्गियों के पुनर्वास को हरी झंडी दे दी है। पुनर्वास प्रक्रिया के तहत 254 मकानों में रहने वाले लोगों को मलाड ईस्ट और कांदिवली में स्थानांतरित किया जाएगा। इनमें से 116 मकान आवासीय और 138 वाणिज्यिक हैं। कुछ महीनों में यह पुनर्वास पूरा होने की उम्मीद है।
नए हाईकोर्ट परिसर का निर्माण छह चरणों में किया जाएगा। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक वर्ष पहले एक संचालन समिति बनाई गई थी, जिसमें नगरीय विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, बीएमसी के मुख्य सचिव और राज्य के वरिष्ठ वास्तुकार शामिल हैं। भूमि आरक्षण को हटाने की औपचारिक प्रक्रिया 20 जून को नोटिस जारी कर शुरू की गई थी।
इस फैसले की नींव 2014 में दायर एक जनहित याचिका से पड़ी, जिसमें अदालत परिसर में जगह की कमी का मुद्दा उठाया गया था। इसके बाद कई अन्य याचिकाएं भी दाखिल की गईं। सरकार ने पहले ही न्यायालय भवन के लिए 9.64 एकड़ भूमि आवंटित कर दी थी।
फिलहाल इस क्षेत्र में 370 सरकारी क्वार्टर मौजूद हैं, जो अधिकतर दो या तीन मंजिला हैं। इन इमारतों को हटाकर वहां रहने वाले कर्मचारियों को उसी कॉलोनी में बनीं नई 16-मंज़िला इमारतों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
नए हाईकोर्ट भवन में 75 कोर्टरूम होंगे। इसके साथ ही न्यायाधीशों और कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर, मध्यस्थता केंद्र, एक बड़ा सभागार, पुस्तकालय और वकीलों व अन्य अदालत से जुड़े लोगों के लिए आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद रहेंगी।