देश भर के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 5जीसेवाएं शुरू कर दी गई हैं और वर्तमान में ये देश के 99.8 प्रतिशत जिलों में ये उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त 30.06.2025 तक, देश भर में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा 4.86 लाख 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित किए जा चुके हैं।टीएसपी ने देश भर में 5जी सेवाओं का विस्तार किया है और स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आवेदन आमंत्रण सूचना (एनआईए) में अनुशंसित न्यूनतम रोलआउट दायित्वों से आगे बढ़ गए हैं। इन दायित्वों से आगे मोबाइल सेवाओं का विस्तार, टीएसपी के तकनीकी-व्यावसायिक विचारों पर निर्भर करता है।सरकार ने 5जीसेवाओं के प्रसार के लिए कई पहल की हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं:5जी मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी।समायोजित सकल राजस्व (एजीआर), बैंक गारंटी (बीजी) और ब्याज दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए वित्तीय सुधार।2022 और उसके बाद की नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम के लिए स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क हटाना।एसएसीएफए (रेडियो फ्रीक्वेंसी आवंटन पर स्थायी सलाहकार समिति) की मंज़ूरी की प्रक्रिया का सरलीकरण।आरओडब्ल्यू अनुमतियों को विवेकपूर्ण बनाने तथा दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना को मंज़ूरी देने के लिए प्रधानमंत्री गतिशक्ति संचार पोर्टल और आरओडब्ल्यू (राइट ऑफ वे) नियमों का शुभारंभ।छोटे सेल और दूरसंचार लाइन की संस्थापना के लिए स्ट्रीट फर्नीचर के उपयोग की समयबद्ध अनुमति।5जी सेवाओं की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में सौ 5जी यूज केस लैब्स स्थापित की गई हैं। 5जी उपयोग के मामलों के विकास के लिए एरिक्सन और क्वालकॉम जैसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ क्षमता निर्माण और कौशल विकास हेतु सहयोग किया गया है।संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।