डीसीपी ने बताया कि:- अभियुक्तगण फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे और गूगल ऐप के माध्यम से विदेशी नागरिकों का डाटा खरीदने और उनके कंप्यूटर में वायरस डालकर उसे सही करने के नाम पर धोखाधड़ी कर पैसा ठगने का काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी यूएस में वेंडर के साथ मिलकर विदेशी नागरिकों का डाटा एकत्र कर और उनके कंप्यूटरों में वायरस डाल देते थे। फिर खुद को माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट का टेक्नीशियन बात कर एक्स लाइट ऐप के माध्यम से संपर्क करते थे। और उनको अल्ट्रा व्यूवर और टीम व्यूवर डाउनलोड करने को कहते थे। फिर बताते थे कि आपका सिस्टम हैक हो गया है और आपका बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड भी हैक होने की संभावना है। जब कॉलर अपनी डिटेल चेक करता था तो उसकी डिटेल की स्क्रीनशॉट लेकर रख लेते थे। फिर विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर को सही करने के नाम पर पेमेंट जीले ऐप और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लेते थे। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों के खिलाफ अन्य वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश! विदेशी नागरिकों को ठगने वाली 18 सदस्यीय टोली धराई, साइबर ठगी का जाल चकनाचूर!

डीसीपी ने बताया कि:- अभियुक्तगण फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे और गूगल ऐप के माध्यम से विदेशी नागरिकों का डाटा खरीदने और उनके कंप्यूटर में वायरस डालकर उसे सही करने के नाम पर धोखाधड़ी कर पैसा ठगने का काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी यूएस में वेंडर के साथ मिलकर विदेशी नागरिकों का डाटा एकत्र कर और उनके कंप्यूटरों में वायरस डाल देते थे। फिर खुद को माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट का टेक्नीशियन बात कर एक्स लाइट ऐप के माध्यम से संपर्क करते थे। और उनको अल्ट्रा व्यूवर और टीम व्यूवर डाउनलोड करने को कहते थे। फिर बताते थे कि आपका सिस्टम हैक हो गया है और आपका बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड भी हैक होने की संभावना है। जब कॉलर अपनी डिटेल चेक करता था तो उसकी डिटेल की स्क्रीनशॉट लेकर रख लेते थे। फिर विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर को सही करने के नाम पर पेमेंट जीले ऐप और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लेते थे। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों के खिलाफ अन्य वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।