सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध को एक महत्वपूर्ण जनहित का मुद्दा मानते हुए सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केए पाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दो सप्ताह में जवाब मांगा है जिसमें ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक लगाने की मांग की गई है क्योंकि इससे युवाओं का जीवन बर्बाद हो रहा है। कोर्ट अगली सुनवाई में अंतरिम आदेश पर विचार करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध को व्यापक जनहित से जुड़ा मुद्दा बताते हुए सभी राज्यों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।कोर्ट ये नोटिस केए पाल की ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को जारी किये। अगली सुनवाई पर कोर्ट अंतरिम आदेश की मांग पर भी विचार करेगा।
लाखों युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो गई है’
ये आदेश न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद दिये। केए पाल ने याचिका में ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा है कि इसकी लत की वजह से लाखों युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो गई है और उसका खामियाजा उनके घर वालों को झेलना पड़ रहा है।