सबवेंशन स्कीम मामले में जांच कर रही सीबीआई ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से जांच में शामिल अलग-अलग ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की जानकारी मांगी हैं। इनमें प्रमुख तौर पर प्लॉट का मूल आवंटन, सब-डिवीजन और प्राधिकरण के बकाये से जुड़े सवाल किए गए हैं। सीबीआई की तरफ से दर्ज 22 केस में जिले के तीनों प्राधिकरणों के क्षेत्र की 20 परियोजनाएं शामिल हैं।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सबवेंशन स्कीम के तहत ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं 2014 में लाई गई थीं। 2017-18 तक बिल्डरों ने लॉन्च की थी। बिल्डरों ने बैंकों से गठजोड़ कर फ्लैट खरीदारों से लोन कराकर रकम इस वादे के साथ ली थी कि कब्जा न देने तक बैंक की किस्त वही देंगे। इनमें से अधिकतर बिल्डर दिवालिया हो गए। इनमें फ्लैट खरीदार फंसे हैं। खरीदारों की याचिका पर पूरा प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में है।