महिला अधिकारियों ने 5 अगस्त को लिखे पत्र में अपनी पीड़ा व्यक्त की है। यह पत्र राज्यपाल, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय), अपर मुख्य सचिव (राज्य कर विभाग), और राज्य कर लखनऊ के कमिश्नर को भी भेजा गया है। पत्र में कहा गया है, “पिछले चार महीनों से, जबसे संदीप भागिया नोएडा जोन में अपर आयुक्त बने हैं, हमारे साथ शोषण, अमानवीय व्यवहार और गुलामों जैसा बर्ताव किया जा रहा है।” महिला अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव
पत्र में आगे लिखा गया है कि संदीप भागिया महिला अधिकारियों के साथ अभद्र भाषा और धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। वे महिला अधिकारियों को घंटों अपने कार्यालय में बैठाकर या खड़ा कर घूरते हैं, छिपकर उनका वीडियो बनाते हैं, और रात में अनावश्यक फोन और वीडियो कॉल करते हैं। विरोध करने वाली अधिकारियों को झूठे मामलों में फंसाकर निलंबित करने की धमकी दी जाती है या उन पर सूचना लीक और कार्य में लापरवाही जैसे आरोप लगाए जाते हैं। महिला सशक्तिकरण पर सवाल
महिला अधिकारियों ने पत्र में लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री जी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के जरिए महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं संदीप भागिया जैसे अधिकारी हमारी अस्मिता और मनोबल को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने सीएम योगी से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। विभाग में चर्चा का माहौल
IAS अफसर पर लगे इन गंभीर आरोपों ने राज्य कर विभाग में हड़कंप मचा दिया है। महिला अधिकारियों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा सके। अभी तक इस मामले में संदीप भागिया या विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जांच और कार्रवाई को लेकर सभी की नजर प्रशासन पर टिकी है।