Supreme Court on Stray Dogs: सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ, जिसमें दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया गया है, नोएडा के कुत्ता प्रेमियों ने गुरुवार को जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सेक्टर-16A स्थित फिल्म सिटी में सैकड़ों प्रदर्शनकारी जुटे और हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने जोरदार नारेबाजी करते हुए फैसले को कुत्तों और इंसानों दोनों के लिए खतरनाक बताया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह आदेश बिना वैज्ञानिक आधार और संबंधित पक्षों की राय जाने जल्दबाजी में लिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि शेल्टर होम पहले ही अपनी क्षमता से भरे हुए हैं, और लाखों कुत्तों को वहां ठूंसना संभव नहीं है। प्रदर्शन में शामिल सृष्टि और जस्टिन कपानी ने कहा, “इतनी बड़ी संख्या में कुत्तों को एक जगह रखने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा। अगर यह आदेश दो महीने में लागू हुआ, तो लाखों कुत्तों की मौत हो सकती है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार बड़े आयोजनों, जैसे G20 सम्मेलन या 15 अगस्त जैसे अवसरों से पहले, सड़कों से कुत्तों को हटाने की नीति अपनाती रही है।
प्रदर्शनकारी सिमरन ने कहा, “हम डॉग्स के लिए काम करने वाली एजेंसियों का सहयोग करने को तैयार हैं। हम वैक्सीनेशन और नसबंदी में मदद कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है।” उन्होंने बताया कि वर्तमान में केवल 2,000 कुत्तों के लिए शेल्टर की व्यवस्था है, जबकि सड़कों पर करीब 5 लाख आवारा कुत्ते हैं। ऐसे में उन्हें शेल्टर में रखना उनके लिए घातक साबित होगा।
प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘थोपा हुआ आदेश’ करार देते हुए इसे मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कोर्ट की ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ चेतावनी पर भी नाराजगी जताई और कहा कि वे कानूनी लड़ाई और जन आंदोलन के जरिए इसका विरोध जारी रखेंगे। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि ABC (Animal Birth Control) गाइडलाइंस को सख्ती से लागू कर नसबंदी और टीकाकरण पर ध्यान दिया जाए, ताकि कुत्तों की जान बचाने के साथ-साथ शहर की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।