दिल्ली| आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने सीमेंट गुणवत्ता की जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित मॉडल विकसित किया है। यह शोध को कम्युनिकेशंस इंजीनियरिंग जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस मॉडल की मदद की मदद से महज 1/100 सेकेंड में क्लिंकर(एक साथ जुड़े हुए पथरीले पदार्थ का ढेर) की गुणवत्ता को बता देगा।
ऐसा दावा है कि इस तकनीक के अपनाने से न केवल उत्पादन लागत कम होगी बल्कि कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। आईआईटी दिल्ली के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. एनएम अनूप कृष्णन और पीएचडी शोधार्थी शेख जुनैद फैयाज के मुताबिक यह तकनीक पारंपरिक जांच की तुलना में 88 प्रतिशत तक अधिक सटीक है।
एक्स-रे तकनीक में चार घंटे लगते हैं। जबकि एआई आधारित मॉडल लाख गुना तेज है। यह उत्पादन के सुधार की सुविधा देता है।
शोधार्थी फैयाज ने बताया कि यह तकनीक न केवल सीमेंट उद्योग बल्कि अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं को भी बदल सकती है। अंतरराष्ट्रीय सीमेंट कंपनियों ने इसमें गहरी रुचि दिखाई है। इस शोध में आईआईटी दिल्ली के प्रो. शशांक बिश्नोई और इटली के पालिटेक्नियो डी मिलानो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी योगदान किया है।