ग्रेटर नोएडा नीचे गिरते ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति को देखते हुए शहर के तालाबों का जीर्णोद्धार करने का जो निर्णय जो लिया गया उससे तलाब न सिर्फ आसपास के एरिया में जल स्तर बढ़ रहा है बल्कि इससे गांव की खूबसूरती भी बढ़ गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने इसी सोच के साथ जो गांवों में स्थित तालाबों के जीर्णोद्धार की पहल की है। और अब दिखाई देने लगा है. कभी कूड़े से पटे और सिल्ट से भरे हुए तालाब ग्रेटर नोएडा की पहचान हुआ करते थे अब यहां कूड़े और सिल्ट की जगह पानी से लबालब तालाब दिखाई दे रहे है, और तालाब लोगों के घूमने और फोटोशूट कराने की जगह बन चुके हैं।
तालाबों की सफाई के बाद पुर्नरुद्धार कराना असान काम नही था, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में 281 तालाब है सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर प्राधिकरण ने यह कवायद शुरू कराई थी। ग्रेटर नोएडा के डाबरा और जैतपुर गांव में प्राधिकरण खुद से तथा निजी भागीदारी से गांवों में स्थित तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए सतत प्रयास किया. प्राधिकरण और पांडमैन के नाम से मशहूर रामवीर तंवर के संयुक्त प्रयास से अब यह सूरत बदल रही है। अब यहां कूड़े और सिल्ट की जगह पानी से लबालब तालाब दिखते हैं। तालाबों में पानी बढ़ा तो यहां पक्षी भी पहुंचने लगे।
एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस का कहना है कि तालाब की सफाई के बाद पुर्नरुद्धार कराना जहां चुनौती था। वहीं, इस जगह को उपयोगी बना लोगों को खुद इसे सुरक्षित बनाए रखने के लिए जागरूक करना भी था। लोगों को जागरूक किया गया कि यहां कूड़ा या मलबा न फेंकें। कोशिश रंग लाई। फिर तालाबों से सिल्ट निकालने के अलावा यहां से गंदगी भी हटवाई गई। लंबे समय तक चली सफाई और सुधार के कामों के बाद तालाब अपने नए संवरे रूप के साथ तैयार हैं। इससे न केवल भूगर्भ जल के रीचार्ज होने की संभावना बढ़ी है। दूसरे, आबादी की भी लैंडस्केपिंग इस तालाब के खूबसूरती ने बदलने का काम किया है।
एसीईओ का कहना है कि ग्रेटर नोएडा के 281 तालाबों में से प्राधिकरण अब तक 194 तालाबों की साफ सफाई करा चुका है।