पंजाब में बाढ़ का कहरPunjab School Holidays 2025: पंजाब में मूसलाधार बारिश और भीषण बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसके चलते राज्य सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 7 सितंबर 2025 तक बंद रखने का निर्णय लिया है। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बुधवार (3 सितंबर) को इसकी आधिकारिक घोषणा की, जिसमें छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
मंत्री बैंस ने अपने बयान में कहा, “माननीय मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान जी के निर्देशानुसार, पंजाब में व्याप्त बाढ़ की विकट स्थिति को देखते हुए, सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त और निजी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय तथा पॉलिटेक्निक संस्थान 7 सितंबर 2025 तक बंद रहेंगे। सभी से अनुरोध है कि वे स्थानीय प्रशासन के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
बाढ़ की तबाही: नदियों का उफान, बढ़ी मुश्किलें
पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने सतलुज, व्यास और रावी नदियों के साथ-साथ मौसमी नालों को उफान पर ला दिया है। इस प्राकृतिक आपदा ने पंजाब के कई जिलों, जैसे गुरदासपुर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, होशियारपुर और अमृतसर को अपनी चपेट में ले लिया है। 1 अगस्त से 2 सितंबर तक की स्थिति पर जारी आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, बाढ़ ने 30 लोगों की जान ले ली और 3.5 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है।
हरियाणा में भी यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, जिसके चलते यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज से सोमवार सुबह 9 बजे 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसने आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति को और गंभीर कर दिया है।
राहत और बचाव में जुटा प्रशासन
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन दिन-रात राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अपील: हिम्मत और हौसला रखें
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। फिरोजपुर के गांव गट्टी राजो के दौरे के दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। सीएम ने कहा, “बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा। भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए नवीन और प्रभावी उपायों पर काम किया जाएगा।”
उन्होंने केंद्र सरकार से प्राकृतिक आपदाओं के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग भी की। मान ने लोगों से धैर्य और सकारात्मकता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “इस संकट की घड़ी में हमारी सरकार और प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ आपके साथ खड़े हैं। लोगों को सुरक्षित निकालने और हालात सामान्य करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
पहले भी बढ़ाई गई थी छुट्टियां
इससे पहले, बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 27 से 30 अगस्त तक स्कूलों को बंद रखने का ऐलान किया था, जिसे बाद में 3 सितंबर तक बढ़ाया गया। अब ताजा घोषणा के तहत सभी शिक्षण संस्थान 7 सितंबर तक बंद रहेंगे। यह कदम न केवल छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि प्रशासन को राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर भी देता है.