delhi bmw car accidentDelhi BMW Accident: वित्त मंत्रालय के उप सचिव नवजोत सिंह की असामयिक मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को गहरा सदमा दिया है, बल्कि बहन पुनीत कौर की भावुक अपील ने सबके दिलों को छू लिया है। अमेरिका में रह रहीं पुनीत के दिल्ली पहुंचने का इंतजार करते हुए नवजोत का अंतिम संस्कार स्थगित कर दिया गया है। मंगलवार (16 सितंबर) को उनकी बहन के आने की पूरी उम्मीद है, जब परिवार इस दर्द भरे क्षण को सामूहिक रूप से निभाएगा। पुनीत ने अपने बुजुर्ग पिता से फोन पर सिसकियां लेते हुए गुहार लगाई कि वे भाई को आखिरी दफा निहारना चाहती हैं। दिल्ली के व्यस्त रिंग रोड पर BMW कार की भयानक टक्कर में नवजोत की जिंदगी थम गई, और जब यह दुखद खबर पुनीत तक पहुंची, तो उनकी दुनिया जैसे मलबे में बदल गई। वीडियो कॉल पर रो-रोकर उन्होंने पिता बलवंत सिंह से यही आग्रह किया कि अंतिम संस्कार उनके आने तक टाल दिया जाए।
परिवार का गहरा आघात: 80 वर्षीय पिता टूट चुके, सपनों का महल ढह गया
परिवार के सदस्यों ने बताया कि हादसे की खबर मिलते ही 80 वर्षीय पिता बलवंत सिंह पूरी तरह विखंडित हो गए हैं। एयरफोर्स से रिटायर्ड अधिकारी बलवंत सिंह ने कांपती आवाज में कहा कि नवजोत घर का चमकता सितारा था। कुछ ही दिनों में उनका प्रमोशन होने वाला था, और परिवार ने मिलकर घूमने-फिरने की सपनों भरी योजना बुनी थी। लेकिन इस क्रूर हादसे ने सब कुछ राख कर दिया। नवजोत ने हाल ही में आईआईएम लखनऊ से ट्रेनिंग पूरी की थी, और अपनी कड़ी मेहनत से ऊंचे पद तक पहुंचे थे। परिवार उनके उज्ज्वल भविष्य के इंद्रधनुषी सपने बुन रहा था। हादसे के बाद बेटे नवनूर का भी बुरा हाल है; वह रो-रोकर टूट रहा है। कल, 16 सितंबर को उसका जन्मदिन है, जिसे हर साल माता-पिता हर्षोल्लास से मनाते थे। इस बार यह दिन आंसुओं की बाढ़ में डूबा हुआ है।
हादसे की भयावहता: सड़क पर वीडियो बनाने वाले, मददगारों की कमी
धौलाकुआं के पिलर नंबर 67 के पास रविवार दोपहर हुए इस भयंकर हादसे के बाद भी सड़क पर गुजर रही गाड़ियां रुकीं नहीं। घायलों की मदद के लिए कोई आगे न आया, बल्कि लोग मोबाइल कैमरे में वीडियो कैद करने में मशगूल रहे। सोशल मीडिया पर हादसे के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं, जो इस असंवेदनशीलता की पोल खोलते हैं। घटनास्थल पर रहने वाले लोगों ने भी यही बताया कि सहायता के बजाय लोग सेल्फी और क्लिप्स बनाने में व्यस्त थे।
घटनास्थल से थोड़ी ही दूरी पर जलबोर्ड का कार्य चल रहा था। वहां काम करने वाले आकाश ने बताया कि दोपहर के समय वे भोजन कर रहे थे, जब लोगों का शोर सुनाई दिया। दौड़कर पहुंचे तो वहां भारी भीड़ लग चुकी थी, वाहनों का लंबा काफिला खड़ा था। एक कार पलटी हुई थी, जिसमें कुछ लोग फंसे हुए थे, जबकि दो व्यक्ति सड़क पर पड़े थे। आकाश ने कहा कि भीड़ में लोग वीडियो शूट कर रहे थे, यहां तक कि गुजरती कारों से भी कैमरे बाहर निकले हुए थे। आखिरकार कुछ ने कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला, लेकिन बाइक से उछलकर दूर गिरे व्यक्ति और एक महिला को लंबे समय तक कोई छुआ तक नहीं। वीडियो में साफ दिखता है कि कार वाले की मदद हो रही थी, लेकिन बाइक सवारों की ओर किसी का ध्यान ही नहीं। नेतराम ने बताया कि भीड़ की वजह से ज्यादा कुछ न देख पाए, लेकिन रिंग रोड पर तेज रफ्तार से गाड़ियां दौड़ती हैं, जिससे ऐसे हादसे आम हो चुके हैं। यह घटना न केवल सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की कमी को भी उजागर करती है।