पत्र में नौएडा प्राधिकरण और संबंधित ठेकेदार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मांग की गई है कि बिना किसी सुरक्षात्मक उपकरण के सफाईकर्मियों को सीवर में उतारना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि कानून और मानवाधिकारों का भी खुला उल्लंघन है।
पत्र की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- मृतक सफाईकर्मियों के परिजनों को कम से कम ₹5 लाख का मुआवजा प्रदान किया जाए।
- पीड़ित परिवारों को स्थायी आजीविका का साधन मुहैया कराया जाए।
- सीवर सफाई में आधुनिक मशीनों का प्रयोग अनिवार्य किया जाए।
- सभी नगर निकायों में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
- ठेकेदारी प्रथा पर पुनर्विचार कर मजदूरों के शोषण को रोका जाए।
- न्यायिक जांच के माध्यम से दोषियों को चिह्नित कर कठोर कार्यवाही की जाए।
एन.सी.एफ. प्रतिनिधि मंडल में संरक्षक शालिनी सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष इंद्राणी मुखर्जी, सचिव गरिमा त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य राहुल राघव सिंह और रेनु बाला शर्मा आदि थे।