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रिश्तेदारों के जाल में फंसे पूर्व बैंकर, अमित शाह-अजित डोभाल की नकली आवाजों ने लूटे 4 करोड़!

रिश्तेदारों के जाल में फंसे पूर्व बैंकररिश्तेदारों के जाल में फंसे पूर्व बैंकर
महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक दिल दहला देने वाली ठगी की घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है। एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी को उसके ही खून के रिश्तेदारों ने खुफिया दुनिया के चकाचौंध भरे सपनों का लालच देकर चूना लगा दिया। गृह मंत्री अमित शाह से ‘सीधी बात’ का झांसा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की ‘आवाज’ में कॉल्स, और 38 करोड़ के इनामी खजाने का ख्वाब—सब कुछ एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा निकला। नतीजा? 4 करोड़ 6 लाख 7 हजार 355 रुपये की भारी चपत! इस घिनौने खेल में पुलिस ने 5 रिश्तेदारों पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का केस ठोक दिया है।

शिकायतकर्ता की दर्दभरी दास्तां

शिकायतकर्ता सूर्यकांत दत्तात्रय थोरात (53 वर्ष) पुणे के विजयी चैतन्य सोसायटी, दत्तवाड़ी के निवासी हैं। सारस्वत बैंक की सोमवार पेठ शाखा से रिटायर हुए सूर्यकांत अब पत्नी अर्चना के साथ शांत जिंदगी जीने की कोशिश में हैं, लेकिन यह धोखा उनके जीवन का काला अध्याय बन चुका है।

लालच का जाल: खुफिया मिशन का ख्वाब

साल 2019 में सूर्यकांत की पत्नी के भाई सुनील बबनराव प्रभाले ने फोन किया। उन्होंने बताया कि उनका बेटा शुभम प्रभाले केंद्र सरकार के खुफिया तंत्र का ‘गुप्त सिपाही’ है। देश के लिए एक खतरनाक मिशन में उसकी भूमिका इतनी अहम थी कि सरकार 38 करोड़ रुपये का इनाम देने वाली है! लेकिन ‘खजाना’ हासिल करने के लिए प्रोसेसिंग फीस, लीगल चार्जेस और ‘वरिष्ठ अफसरों’ को तोहफे चढ़ाने पड़ेंगे। शुभम-सुनील की मीठी बातों ने सूर्यकांत का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा, “काम आखिरी मोड़ पर है, बस थोड़ा निवेश करो—सब वापस मिलेगा, दुगुना-तिगुना!”

नकली कॉल्स का जादू: शाह-डोभाल की ‘आवाज’ में फंसाया

विश्वास की नींव पक्की करने के लिए रिश्तेदारों ने कमाल कर दिया। उन्होंने सूर्यकांत को फोन पर ‘कॉन्फ्रेंस कॉल’ कराई, जिसमें अमित शाह, अजित डोभाल और अन्य बड़े अफसरों की ‘आवाजें’ गूंजीं। सूर्यकांत बताते हैं, “उनकी आवाजें इतनी असली लगीं कि शक का कांटा भी न लगा।” ऊपर से शुभम का आईडी कार्ड, रिवॉल्वर की फोटो और बैंक मैसेज दिखाकर उन्होंने कहानी को और मजबूत कर दिया। परिवार ने सफाई दी कि शुभम ‘ट्रेनिंग’ में है, इसलिए घर नहीं आता—सब कुछ ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का राज!

लूट का सिलसिला: 4 सालों में सब कुछ बेच डाला

जनवरी 2020 से सितंबर 2024 तक यह नाटक चला। सूर्यकांत ने अपने फ्लैट, खेत, दुकान, कार और पत्नी के आभूषण तक बेच डाले। पीएफ से पैसे उगाहे, रिश्तेदारों-अपनों से उधार लिया। कुल 4 करोड़ से ज्यादा की रकम ट्रांसफर हो गई! पैसे के रास्ते? सारस्वत, एक्सिस, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडसइंड बैंक के खाते। शुभम के अकाउंट में 1.82 करोड़, ओंकार को 10.93 लाख, प्रशांत को 40.67 लाख, सुनील को 7 लाख नकद, भाग्यश्री को 1.05 लाख। उधार की रकमें—17 लाख, 25 लाख, 10 लाख, 6.5 लाख, 3.5 लाख, 3 लाख—सब इसमें घुस गईं। कुल चपत: 4,06,07,355 रुपये!

पुलिस की कार्रवाई: 5 रिश्तेदारों पर शिकंजा

उम्मीद की आखिरी किरण बुझने पर सूर्यकांत ने 15 सितंबर 2025 को पर्वती पुलिस स्टेशन में शिकायत की। पुलिस ने फौरन एक्शन लिया और शुभम सुनील प्रभाले, सुनील बबनराव प्रभाले, ओंकार सुनील प्रभाले, प्रशांत राजेंद्र प्रभाले व भाग्यश्री सुनील प्रभाले—इन 5 पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराएं 318(4), 204 और 3(5) के तहत केस दर्ज कर दिया। धोखाधड़ी और साजिश का यह काला कारनामा अब कानून के कटघरे में है।

यह कहानी सिखाती है—रिश्तों का लबादा ओढ़े लालच भी घातक हो सकता है। सावधान रहें, सत्यापित करें, वरना सपनों का खजाना चूर-चूर हो सकता है!

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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