कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव (1)
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पर तीखा प्रहार करते हुए बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सिर्फ कागजी योजनाओं की बौछार कर अपने केंद्रीय नेताओं का दिल जीतने में व्यस्त हैं, मगर दिल्लीवासियों की असल जरूरत—गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं—को ठेंगा दिखाया जा रहा है। यादव का कहना है कि बीजेपी के राज में दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था “आईसीयू से सीधे वेंटिलेटर” पर पहुंच चुकी है।
दवाओं का अकाल, मरीजों की जेब पर बोझ
यादव ने हिंदूराव, बालक राम और स्वामी दयानंद जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा को उजागर करते हुए बताया कि इनमें ब्लड प्रेशर, एंटीबायोटिक और हृदय रोग की दवाएं तक नदारद हैं। मरीजों को डॉक्टर के पर्चे तो थमाए जाते हैं, लेकिन दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ती हैं, जिससे इलाज का खर्च उनकी जेब पर डाका डाल रहा है। मॉनसून के बाद डेंगू और मलेरिया के बढ़ते कहर के बीच अस्पतालों में कोई खास तैयारी नहीं दिख रही। निगम अस्पतालों में यह संकट पिछले चार महीनों से जस का तस बना हुआ है।
दवा काउंटरों की मनमानी, मरीजों का हाल बेहाल
कांग्रेस नेता ने दवा वितरण काउंटरों की मनमानी पर भी सवाल उठाए। अचानक बंद हो जाने वाले ये काउंटर मरीजों को लंबी कतारों में घंटों इंतजार करने को मजबूर करते हैं। डिस्पेंसरियों की हालत भी किसी डरावने सपने से कम नहीं। जर्जर इमारतें, खराब पड़ी मशीनें, गायब कर्मचारी और गंदगी से भरी सफाई व्यवस्था ने मरीजों की मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है। यादव ने चेताया कि कुछ अस्पताल तो खतरनाक घोषित होने के बावजूद जबरन चलाए जा रहे हैं।
कर्मचारियों का टोटा, मशीनें खामोश
यादव ने निगम अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों की भारी कमी का जिक्र किया। रेडियोलॉजी विभाग की ज्यादातर मशीनें खराब पड़ी हैं, और लैब तो अक्सर ताले लटके रहते हैं। मरीजों को टेस्ट के लिए घंटों खून जलाना पड़ता है। उनके मुताबिक, ये हालात दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे की गहरी नाकामी का पर्दाफाश करते हैं।
निगम बना ‘भ्रष्टाचार का गढ़’
बीजेपी शासित नगर निगम पर सीधा हमला बोलते हुए यादव ने कहा कि यह अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। फंड की कमी, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन ने मरीजों को दवाओं, टेस्ट और कर्मचारियों के अभाव में छटपटाने को मजबूर कर दिया। यादव ने तल्ख लहजे में कहा कि सरकार सिर्फ आश्वासनों की माला जपती है, लेकिन दिल्लीवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।