यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर एनएचएआई को जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें जमीन खुद यीडा काश्तकारों से खरीदेगा। 25 किमी लंबी इस सड़क के लिए जमीन खरीदने पर करीब 1400 करोड़ रुपये का खर्च आना अनुमानित है। वहीं, सड़क के निर्माण पर करीब 300 करोड़ रुपये का खर्च आना है।
यीडा की योजना है कि इस लागत को एनएचएआई वहन करेगा। इसके पीछे तर्क यह है कि इस सड़क के बनने से एनएचएआई के भी दो प्रोजेक्ट ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे और प्रस्तावित खुर्जा-पलवल एक्सप्रेस-वे सीधे तौर पर आपस में जुड़ जाएंगे। इससे इन दोनों एक्सप्रेसवे से आने वाले वाहनों को यमुना एक्सप्रेसवे या दूसरी किसी सड़क से घूमकर नहीं जाना होगा।
यीडा के अधिकारियों का कहना है कि 130 मीटर सड़क को बनाए जाने का प्रस्ताव लंबे समय से प्रक्रिया में है। इस प्रोजेक्ट में सिरसा तक बनी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 130 मीटर को आगे यमुना सिटी के अलग-अलग सेक्टर्स तक बनाया जाना प्रस्तावित है। प्रमुख परियोजना जैसे फिल्म सिटी, लॉजिस्टिक पार्क, नोएडा एयरपोर्ट इसी सड़क से जुड़ जाएंगीं। इसका फायदा यह होगा कि गाजियाबाद, ग्रेनो वेस्ट और ग्रेटर नोएडा से वाहन सीधे नोएडा एयरपोर्ट और यमुना एक्सप्रेसवे पर इस 130 मीटर रोड से पहुंच सकेंगे। परी चौक और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर भी इससे काफी हद तक ट्रैफिक कम हो जाएगा।
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बस वे भी बनाएगा यमुना प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरह 130 मीटर रोड पर यमुना सिटी में भी यीडा बस वे बनाएगा। इस डेडीकेटेड बस वे के बनने से पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बेहतर हो सकेगा। भविष्य में इस बस वे का उपयोग सिटी बसों के संचालन के लिए किया जाना है। आईजीआई एयरपोर्ट दिल्ली से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच शटल बस सेवा भी इसी रूट पर चलाए जाने की योजना है।