सेक्टर-145, 146 में बनने वाले उपकेंद्र एक्सप्रेस-वे के किनारे स्थित होंगे। सेक्टर-145 के उपकेंद्र की निर्माण लागत 15.81 करोड़ तो सेक्टर-146 की 14.53 करोड़ लाख रुपये अनुमानित है। यहां सेक्टर-145 में दो बड़ी आईटी परियोजनाएं आ चुकी हैं। इसके साथ ही किसानों के लिए आवंटित 2 हजार से ज्यादा प्लॉट प्राधिकरण विकसित कर रहा है। इसी तरह सेक्टर-146 भी विकसित हो रहा है। इन दोनों जगहों पर पहले से उपकेंद्र बने हुए थे लेकिन बिजली की मांग आगे ज्यादा होने के कारण यह उपकेंद्र बनेंगे।
इसी तरह सेक्टर-75, 78, 48 में बढ़ती आबादी को देखते हुए उपकेंद्र बनाने का निर्णय लिया गया है। सेक्टर-48 में तो आवासीय प्लॉट पर मकान बने हुए हैं लेकिन सेक्टर-75 और 78 में ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी और वाणिज्यिक निर्माण है। सेक्टर-75 के उपकेंद्र निर्माण में 15.46 करोड़, सेक्टर-78 में 12 करोड़, सेक्टर-48 में 13.49 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। प्राधिकरण की तरफ से बताया गया कि यहां पर बने उपकेंद्र पर ओवर लोड होने की वजह से आस-पास के सेक्टरों की बिजली आपूर्ति भी गर्मी में प्रभावित हो रही है। यह पांच उपकेंद्र बन जाने से 10 से ज्यादा सेक्टरों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होगा।