दिल्ली — 13 नवंबर 2025 को दिल्ली के द पार्क होटल में फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) और पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) के तत्वावधान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस दौरान एफएफआई के अध्यक्ष फिरदौसुल हसन और पीएफए की अध्यक्षा श्रीमती मेनका संजय गांधी ने 20 दिसंबर 2025 को कोलकाता में आयोजित होने वाले सिनेकाइंड अवॉर्ड को लेकर मीडिया को जानकारी दी। यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड उन 10 फिल्मकारों और पेशेवरों को सम्मानित करेगा, जिन्होंने वर्षों से जानवरों की भावनाओं को समझते हुए उनके कल्याण के लिए कार्य किया है। प्रेस से बात करते हुए श्रीमती मेनका गांधी ने बताया कि 20 दिसंबर को कोलकाता में अवॉर्ड समारोह के बाद, सिनेकाइंड अवॉर्ड को हर वर्ष 4 अक्टूबर (वर्ल्ड एनिमल डे) के अवसर पर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह मेरा 20 वर्षों पुराना सपना था, जो अब जाकर पूरा हुआ है।” जानवरों के अधिकारों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “हम आज तक ऐसा संसार नहीं बना पाए, जहां मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों के हकों को भी सही मायने में समझा जाए।” कुत्तों की बढ़ती आबादी को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि “उन्हें एक जगह से दूसरी जगह खदेड़ना समाधान नहीं है, इसका वास्तविक समाधान ABC यानी नसबंदी है।” उन्होंने यह भी कहा कि सिनेमा के माध्यम से लोगों में प्रेम और दया जैसी भावनाओं को बढ़ावा दिया जा सकता है। एफएफआई के अध्यक्ष फिरदौसुल हसन ने कहा, “सिनेकाइंड अवॉर्ड के विचार को लेकर संस्था के सभी सदस्य बेहद उत्साहित हैं। अब फिल्मों में जानवरों के इस्तेमाल के लिए विधिवत अनुमति ली जाती है, शूटिंग के दौरान उनकी पूरी देखभाल होती है, और एफएफआई इस बात की विशेष निगरानी करता है।” इस अवसर पर मारवाह स्टूडियोज की ओर से सिनेकाइंड अवॉर्ड पर एक 4 मिनट 30 सेकंड की विशेष फिल्म भी प्रस्तुत की गई, जिसमें इस अवॉर्ड के उद्देश्य और सोच को विस्तार से दिखाया गया। मारवाह स्टूडियोज के अध्यक्ष एवं एएएफटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह ने कहा, “यह मेनका जी का 20 वर्षों का सपना था, जिसे एफएफआई के सदस्यों के सहयोग से साकार किया गया।” उन्होंने यह जानकारी भी दी कि एशियन अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न (AAFT) ने पहल करते हुए छात्रों को ऐसे शॉर्ट फिल्म बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जो जानवरों के प्रति संवेदना, प्रेम और दयालुता का संदेश देती हों।
बिग बॉस: जानवरों की संवेदना पर आधारित फिल्मों के लिए सिनेकाइंड अवॉर्ड की घोषणा
दिल्ली — 13 नवंबर 2025 को दिल्ली के द पार्क होटल में फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) और पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) के तत्वावधान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस दौरान एफएफआई के अध्यक्ष फिरदौसुल हसन और पीएफए की अध्यक्षा श्रीमती मेनका संजय गांधी ने 20 दिसंबर 2025 को कोलकाता में आयोजित होने वाले सिनेकाइंड अवॉर्ड को लेकर मीडिया को जानकारी दी। यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड उन 10 फिल्मकारों और पेशेवरों को सम्मानित करेगा, जिन्होंने वर्षों से जानवरों की भावनाओं को समझते हुए उनके कल्याण के लिए कार्य किया है। प्रेस से बात करते हुए श्रीमती मेनका गांधी ने बताया कि 20 दिसंबर को कोलकाता में अवॉर्ड समारोह के बाद, सिनेकाइंड अवॉर्ड को हर वर्ष 4 अक्टूबर (वर्ल्ड एनिमल डे) के अवसर पर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह मेरा 20 वर्षों पुराना सपना था, जो अब जाकर पूरा हुआ है।” जानवरों के अधिकारों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “हम आज तक ऐसा संसार नहीं बना पाए, जहां मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों के हकों को भी सही मायने में समझा जाए।” कुत्तों की बढ़ती आबादी को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि “उन्हें एक जगह से दूसरी जगह खदेड़ना समाधान नहीं है, इसका वास्तविक समाधान ABC यानी नसबंदी है।” उन्होंने यह भी कहा कि सिनेमा के माध्यम से लोगों में प्रेम और दया जैसी भावनाओं को बढ़ावा दिया जा सकता है। एफएफआई के अध्यक्ष फिरदौसुल हसन ने कहा, “सिनेकाइंड अवॉर्ड के विचार को लेकर संस्था के सभी सदस्य बेहद उत्साहित हैं। अब फिल्मों में जानवरों के इस्तेमाल के लिए विधिवत अनुमति ली जाती है, शूटिंग के दौरान उनकी पूरी देखभाल होती है, और एफएफआई इस बात की विशेष निगरानी करता है।” इस अवसर पर मारवाह स्टूडियोज की ओर से सिनेकाइंड अवॉर्ड पर एक 4 मिनट 30 सेकंड की विशेष फिल्म भी प्रस्तुत की गई, जिसमें इस अवॉर्ड के उद्देश्य और सोच को विस्तार से दिखाया गया। मारवाह स्टूडियोज के अध्यक्ष एवं एएएफटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह ने कहा, “यह मेनका जी का 20 वर्षों का सपना था, जिसे एफएफआई के सदस्यों के सहयोग से साकार किया गया।” उन्होंने यह जानकारी भी दी कि एशियन अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न (AAFT) ने पहल करते हुए छात्रों को ऐसे शॉर्ट फिल्म बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जो जानवरों के प्रति संवेदना, प्रेम और दयालुता का संदेश देती हों।

