नोएडा। ठंड बढ़ने के बावजूद घरों के अंदर-बाहर मच्छरों का प्रकोप लोगों की परेशानियां बढ़ा रहा है। दिन में पार्कों में बैठना हो या शाम को टहलना—हर जगह मच्छरों की संख्या बढ़ने से शिकायतें लगातार नोएडा प्राधिकरण तक पहुँच रही हैं। अब उम्मीद है कि जल्द ही इससे राहत मिलेगी, क्योंकि प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग ने मच्छरों और वेक्टर जनित बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए बड़ा अभियान शुरू करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए लगभग 2.75 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
घर में एसी-पंखे बंद होने से मच्छर और ज्यादा परेशानी का कारण बन रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए प्राधिकरण ने फॉगिंग और एंटी-लार्वा छिड़काव के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीईओ डॉ. लोकेश एम के अनुसार, टेंडर जल्द पूरा कर छिड़काव और फॉगिंग का काम तेज किया जाएगा। जनस्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सभी सेक्टरों में रोस्टर के अनुसार दवा छिड़काव और फॉगिंग पहले से की जाती है, और अब इसकी निगरानी और सख्ती से होगी। किसी भी तरह की लापरवाही पर कार्रवाई तय है।
कहां खर्च होगी 2.75 करोड़ की राशि?
एंटी-लार्वा दवा छिड़काव: 1.93 करोड़ रुपये
फॉगिंग व छिड़काव के लिए लेबर आपूर्ति: 82.82 लाख रुपये
नोएडा के सेक्टर 62, 63, छिजारसी समेत कई इलाकों में सीवर ओवरफ्लो की स्थिति चिंताजनक है। इससे फैलती गंदगी मच्छरों और मक्खियों के तेजी से पनपने का कारण बन रही है। सेवन-एक्स सोसायटी के अमित गुप्ता का कहना है कि प्राधिकरण को केवल फॉगिंग और दवा छिड़काव ही नहीं, बल्कि सीवर ओवरफ्लो और जलभराव खत्म करने पर भी ध्यान देना चाहिए। कई जगहों पर हालात बरसात से भी बदतर हो जाते हैं।
प्राधिकरण भी रोजाना लोगों से अपील कर रहा है कि घरों और पार्कों में सफाई बनाए रखें, जलभराव न होने दें और कचरे का सही निस्तारण करें।
हेल्थ एक्सपर्ट राहुल के मुताबिक, एक ही तरह की दवा का बार-बार उपयोग करने से मच्छर उसमें प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं। इसलिए कई बार दवा छिड़कने के बाद भी मच्छरों से राहत नहीं मिलती। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि प्राधिकरण को दवाओं में समय-समय पर बदलाव करते हुए वैज्ञानिक तरीके अपनाने चाहिए।