ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने लंबे समय से खाली पड़े 366 औद्योगिक भूखंडों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिन आवंटियों ने चेकलिस्ट जारी होने के बावजूद अब तक रजिस्ट्री नहीं कराई, उन्हें प्राधिकरण ने नोटिस भेजते हुए साफ चेतावनी दी है कि अगले 30 दिनों के भीतर दस्तावेज पूरे नहीं किए गए तो आवंटन रद्द कर दिया जाएगा।
यीडा क्षेत्र के सेक्टर-24, 24A, 28, 29, 30 और 32 को उद्योगों के लिए विकसित किया गया था। कुल 3,000 से अधिक प्लॉट आवंटित होने के बावजूद आज तक सिर्फ 15 इकाइयाँ ही उत्पादन शुरू कर पाई हैं। इस स्थिति को देखते हुए प्राधिकरण ने कड़ा रुख अपनाया है, खासकर इसलिए क्योंकि दिसंबर से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की उड़ानें शुरू होने जा रही हैं और ऐसे समय में औद्योगिक विकास के ठप पड़े रहने से क्षेत्र की छवि प्रभावित होती है।
प्राधिकरण का कहना है कि रजिस्ट्री पूरी होने के बाद ही कब्जा और लेआउट की स्वीकृति दी जाएगी, ताकि उद्योगों की स्थापना में और देरी न हो। सर्वे रिपोर्ट बताती है कि यमुना सिटी में 94 प्रतिशत औद्योगिक भूखंड अब भी खाली पड़े हैं। यह स्थिति न केवल विकास की गति को धीमा कर रही है, बल्कि योजना के मूल उद्देश्य पर भी सवाल खड़े कर रही है।
उद्यमियों की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि कई प्लॉटों की रजिस्ट्री इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि यीडा ने ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ जारी नहीं किया है। यमुना एक्सप्रेसवे उद्यमी संघ के अध्यक्ष रिषभ निगम का कहना है कि सेक्टर-32 और 33 की योजनाएं 2013 में जारी हुई थीं, लेकिन 115 से अधिक प्लॉट आज भी अधिग्रहण अधूरा रहने के कारण पूरी तरह आवंटित नहीं हो पाए।
उनका यह भी कहना है कि बुनियादी ढांचा अधूरा होने की वजह से निवेशक उद्योग शुरू नहीं कर पा रहे। सेक्टर-32 और 33 में अभी तक 75 मीटर और 30 मीटर की सड़कें पूरी नहीं बनी हैं। सीवरेज और ड्रेनेज की व्यवस्था अधूरी है, पानी और बिजली का प्रावधान भी पर्याप्त नहीं है, और सेक्टर-33 की मुख्य प्रवेश सड़क अब भी निर्माणाधीन है। इन अधूरे विकास कार्यों ने औद्योगिक गतिविधियों को वर्षों से रोक रखा है।
यीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नागेंद्र प्रताप ने साफ किया है कि रजिस्ट्री न कराने वाले आवंटियों पर अब कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना और नियमों का पालन सुनिश्चित करना प्राधिकरण की प्राथमिकता है, ताकि यमुना सिटी का औद्योगिक विकास व्यवस्थित, सुरक्षित और तेज़ी से आगे बढ़ सके।