Report By-Rakesh Giri Basti(UP)
यूपी के बस्ती में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद ओपी राजभर बस्ती पहुंचे, मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने मुल्कात के दौरान जो बातें हुई उस को विस्तार से बताया, ओपी राजभर ने बताया की हाईकोर्ट ने 11 नवंबर 2022 को भर जाती को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव हुआ था, जिस के बाद मुख्यमंत्री ने 17 जिलों का सर्वे कराया, सर्वे रिपोर्ट को शोध संस्थान को भेजा गया, उस में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री से मिले, हम ने सीएम से कहा की प्रस्ताव को जल्द केंद्र सरकार को भेजा दें।
वहीं सैफई में 100 घर बंजारों को लेकर भी सीएम से चर्चा हुई, राजभर ने कहा की सैफई को विकास का मॉडल माना जात था, मुलायम सिंह यादव जी यहां से चुनाव जीतते थे, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जी भी यहीं के हैं, लेकिन उस विकास के माडल के बीच 100 घर बंजारों का है जो आज भी विकास का इंतजार कर रहे हैं, छप्पर के मकान में बोरा सिल कर दरवाजा बना कर रहते हैं, सीएम को पत्र देकर इस की जांच की मांग की है साथ ही इनको सड़क, घर, शौचालय समेत अन्य सरकारी सुविधा देने के मांग की है, हम बंजारों को 2 सालों से जगा रहे हैं, राजनीति में उन्हीं लोगों की सुनी जाती है जो या तो रोते हैं या गाते हैं लेकिन बंजारों को न तो रोना आता है न ही गाना आता है, 4,5 हजार आबादी वाले बंजारों के गांव को राजस्व गांव तक नहीं घोषित किया गया है, सैफई विकास का मॉडल माना जाता रहा होगा लेकिन सैफई से जिस तरह की फोटो हमारे पास आई है, वह सैफई के विकास के माडल को दिखाने के लिए काफी है, सपा के लोग गुंडई के दाम पर बंजारों, पाल, प्रजापति, लोहार को डरा धमका कर वोट ले लेते थे, सैफई में महिलाएं आवास, शौचालय और उनके बच्चे शिक्षा के लिए तरस रहे हैं, जबकि हर साल 300 करोड़ खर्च कर सैफई महोत्सव मनाया जाता है जिसमे दिल्ली से हीरो हिरोइन को बुला कर नचाते थे।