Report By : RISHABH SINGH,Mainpuri (UP)
मैनपुरी में आज एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है। जिसमे एक वर बधु ने शादी होने बाद वधु ससुराल न जाकर वृद्धा आश्रम जा पहुंचे। वर वधु ने पहले वहां रह रहे सभी वृद्ध से आशीर्वाद लिया और उनको भोजन कराया और सभी को वस्त्र देकर एक मिसाल भी ऐसे लोगो के लिए पेश की जो पड़ाव को एक बोझ समझ के जीवन के आखिरी पड़ाव में अकेला छोड़ देते है ।
मैनपुरी के ग्राम नगला अनूप के रहने वाले जयगुरुदेव यादव होमगार्ड है उन्होंने अपने बेटे की शादी विना दान दहेज लिए बिल्कुल साधारण तरीके से शादी की और उसके बाद जैसे ही विदा हुई तो दूल्हा और दुल्हन ने मैनपुरी स्थित वृद्ध आश्रम में जाने की इच्छा जाहिर की तो जयगुरुदेव यादव तुरन्त तैयार हो गए। जयगुरुदेव को ये प्रेरणा संवेदना फाउंडेशन के संस्थापक समाजसेवी धर्मवीर राही से मिली इन लोगो ने मिलकर अब तक करीब 151 गरीब लड़कियों की शादी बिना कोई सरकारी सहायता के जन सहयोग से सम्पन्न करा चुके है।पिता के संस्कारों का ही असर है दूल्हा दुल्हन पहले वृद्ध आश्रम पहुंचे और वर वधु ने पहले वहां रह रहे सभी बुजुर्ग से आशीर्वाद लिया और उनको भोजन कराया और सभी को बुजुर्ग महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को शाल देकर सम्मानित किया और उनका आशीर्वाद लिया। समाजसेवी धर्मवीर राही के संपर्क में आने के बाद ही जयगुरुदेव की सोच में बदलाव आया राही जी का कहना है कि अपने लिए जिए तो क्या जिए हमे ऐसे लोगों की सेवा करनी चाहिए जिनके अपने होते हुए भी अकेले जिंदगी गुजारने पर मजबूर है। दोनो वर वधु ने ये एक संदेश भी ऐसे लोगो को दिया है जो जीवन के उस आखिरी पड़ाव में बुजुर्ग मां बाप को बोझ समझ कर अकेले तिल तिल कर मरने लिए छोड़ देते है।