Report By-Sanjeev Kumar Muzaffarnagar(UP)
यूपी के मुजफ्फरनगर में बेटे को मां-बाप जहां बुढ़ापे की लाठी यानी अपना सहारा मानते हैं जब वह बेटा ही लापता हो जाए तो मां और बाप के मन पर क्या गुजरती है जानेंगे लक्ष्मी देवी की जुबानी जिनका बेटा आशु उर्फ अंशुल आज से 6 वर्ष पूर्व घर से बाहर घूमने के लिए गया था मगर आज तक वापस नहीं पहुंचा है जिसकी बाट आज तक उसकी मां लक्ष्मी देवी जोह रही है। अंशुल की मां को आज भी पूरा विश्वास है कि उसका बेटा जीवित है और एक दिन जरूर उसके पास वापस लौटेगा अपनी आप बीती सुनाते सुनाते लक्ष्मी देवी की आंखें भर आई और उसने ICN की टीम का बहुत-बहुत धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि आज तक हमारे बेटे की सुध लेने वाला कोई नहीं था।
मगर आपने आकर हमारे बेटे के बारे में जानकारी ली लक्ष्मी देवी की माने तो आज से 6 वर्ष पूर्व उनका बेटा आशु उर्फ अंशुल नीले रंग की जींस हरे रंग की साइड और हवाई चप्पल पहनकर घर से निकला था जो आज तक वापस घर नहीं पहुंच पाया है अंशुल की लंबाई लगभग 5 फिट है और उसका रंग गेहुआ है। लक्ष्मी देवी को ICN की टीम के उनके घर पर पहुंचने के बाद एक उम्मीद की किरण नजर आई है की उसका बेटा आंसू उर्फ अंशुल एक दिन जरूर उसके पास वापस आएगा। आपको बता दें की आशु की मां सड़क के किनारे बैठकर छोटे-छोटे बच्चों के कपड़े बेचती है और उसका पिता है श्रीकृष्णा शर्मा रात्रि में चौकीदारी करता है जिससे मिलने वाली धनराशि से अंशु के माता-पिता अपना जीवन यापन करते हैं।