Report By : Rishabh Singh,ICN Network
अखिलेश यादव ने कन्नौज से नामांकन दाखिल कर दिया। वह दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनके साथ चाचा रामगोपाल भी साथ थे। कलेक्ट्रेट में भारी संख्या में समर्थकों ने फूल बरसाकर सपा प्रमुख का स्वागत किया। ढोल-नगाड़े बजाए। अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप नामांकन में शामिल नहीं हुए।
नामांकन के बाद अखिलेश बोले चुनावी रुझानों को देखकर भाजपा नेताओं की भाषा बदल गई है। भाजपा के लोग टैक्स के नाम पर पैसा वसूल रहे हैं। देर से नाम घोषित करने और फिर अचानक खुद उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा-हथौड़ा तब मारना चाहिए, जब लोहा गर्म हो और हमने वही काम किया है।
कन्नौज सीट पर पहले भतीजे तेज प्रताप को टिकट दिया था। स्थानीय नेताओं का विरोध को देखते हुए उन्होंने फिर खुद ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया। अखिलेश कन्नौज सीट से चौथी बार चुनाव लड़ने के लिए उतरे हैं। 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में पहली अखिलेश ने पहला चुनाव लड़ा था।
2004, 2009 में भी उन्होंने जीत दर्ज की। 2012 में सीएम बनने के लिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। फिर यहां हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी। कन्नौज सीट से मुलायम, अखिलेश और डिंपल चुनाव लड़ चुके हैं।
उन्होंने कहा पार्टी, नेता, कार्यकर्ता, और सभी की भावनाएं यह थी कि मुझे यहां से चुनाव लड़ना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि मुझे यहां से आशीर्वाद मिलेगा। मैं कन्नौज के विकास के लिए काम करूंगा। यहां का व्यापारी जिस सड़क पर चलता है, वो समाजवादी पार्टी की देन है।