Report By : ICN Network
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति की नियुक्ति को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एएमयू के मौजूदा कुलपति की नियुक्ति को नियमों के विरुद्ध बताते हुए इसे रद्द कर दिया है। अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया विश्वविद्यालय अधिनियम और यूजीसी (UGC) के नियमों के अनुसार नहीं की गई, इसलिए यह नियुक्ति अमान्य मानी जाती है।
कोर्ट के अनुसार, कुलपति की नियुक्ति के लिए न तो विधिवत विज्ञापन जारी किया गया और न ही चयन प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ अपनाई गई। इसके चलते चयन प्रक्रिया पर सवाल उठे और मामला अदालत तक पहुंचा। याचिका में यह भी कहा गया था कि चयन समिति का गठन भी नियमों के विरुद्ध हुआ था।
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और एएमयू प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे विश्वविद्यालय अधिनियम और यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करें। कोर्ट के इस फैसले के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन में हलचल मच गई है और जल्द ही नए कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ किए जाने की संभावना है।
इस फैसले का शिक्षा जगत में व्यापक असर माना जा रहा है और इसे शैक्षणिक संस्थानों में पारदर्शिता व जवाबदेही की दिशा में एक अहम कदम बताया जा रहा है।