Atiq Ahmed Son
माफिया के साये में पलते अतीक अहमद के लाल, अली अहमद, अब प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल की चारदीवारी छोड़कर झांसी की ठंडी कोठरी में कदम रखने को तैयार हैं। शासन की सख्त नजरों ने इस कदम को हरी झंडी दे दी है, और आदेश जारी होते ही सख्त सुरक्षा घेरे में उसकी ट्रांसफर की घड़ी टिकने लगी है। लेकिन सवाल वही पुराना—क्यों ये अचानक जेल-बदलाव का तीर?
अली की हरकतों पर शिकंजा: नैनी में बढ़ीं संदिग्ध सरगर्मियां
सूत्रों की मानें तो नैनी जेल की हवा में अली की गतिविधियां तेज हो चली थीं। मिलने वालों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही थी, और जेल प्रशासन की नजरें हर चाल पर टिकी हुईं। ऊपर से वकीलों के जरिए कैश का सिलसिला—ये सब मिलकर हवा में जहर घोल रहा था। जून 2025 में तो बैरक से 1100 रुपये नगद बरामद होने का धमाका हो गया! इस घोटाले ने डिप्टी जेलर और हेड वार्डन को निलंबन की पटकथा थमा दी, जबकि अली को हाई-सिक्योरिटी बैरक की चाबी सौंप दी गई। यही वो कांटे हैं, जिन्होंने शासन को झांसी शिफ्ट का फैसला थमाने पर मजबूर कर दिया—एक नई जंजीर, नई निगरानी!
तीन साल की कैद की दास्तां: सरेंडर से साजिश तक
याद कीजिए, 30 जुलाई 2022 को लंबे फरार जीवन के बाद अली ने कोर्ट के दरवाजे पर सरेंडर का नाटक रचा था। तब से नैनी जेल ही उसका ठिकाना बनी हुई। उसके सिर पर प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से 5 करोड़ की रंगदारी का इल्जाम चढ़ा है। ऊपर से उमेश पाल हत्याकांड की सुपारी रचने का कलंक! पुलिस की जुबानी, नैनी की दीवारों के पीछे अली ने छोटे भाई असद और खानदान के बाकी हथियारबंद सिपाहियों के साथ मिलकर खतरनाक प्लान बुने थे। बड़ा भाई उमर लखनऊ जेल की सलाखों में सड़ रहा है, तो असद, बाप अतीक और चाचा अशरफ एनकाउंटर की गोलीबारी में धूल चाट चुके। अब झांसी की बारी—कड़ी सुरक्षा के साये में प्रयागराज से रवानगी की तैयारी जोरों पर!
‘मुसलमानों पर बेइंतहा जुल्म’, बरेली दंगों की कार्रवाई पर भड़के मौलाना तौकीर रजा के भाई
बरेली की हिंसा की आग बुझने के बाद पुलिस की सख्ती ने नया तूफान खड़ा कर दिया। मौलाना तौकीर रजा के भाई ने चीख-चीखकर जुल्म का रोना रोया—’मुसलमानों पर बेइंतहा जुल्म ढाया जा रहा है!’ दंगों के बाद की कार्रवाई को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि ये सब साजिश का हिस्सा है। बरेली की सड़कों पर फैली अफरा-तफरी के बाद अब ये आवाजें और तेज हो रही हैं—क्या ये आग को और भड़काएंगी?