प्रदेश के कई जिलों से लेकर दिल्ली बिहार व बंगाल समेत अन्य राज्यों में रोहिंग्या व बांग्लादेशियों के जाली आधार कार्ड पासपोर्ट व अन्य भारतीय दस्तावेज बनाने का बड़ा नेटवर्क पकड़ा गया है। जनसेवा केंद्रों के जरिए घुसपैठियों को धड़ल्ले से कूटरचित आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे थे जिनकी मदद से वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे।
प्रदेश के कई जिलों से लेकर दिल्ली, बिहार व बंगाल समेत अन्य राज्यों में रोहिंग्या व बांग्लादेशियों के जाली आधार कार्ड, पासपोर्ट व अन्य भारतीय दस्तावेज बनाने का बड़ा नेटवर्क पकड़ा गया है। जनसेवा केंद्रों के जरिए घुसपैठियों को धड़ल्ले से कूटरचित आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे थे, जिनकी मदद से वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे। फर्जी दस्तावेज बनवाने वालों में नेपाली व प्रदेश के नागरिक भी शामिल हैं।
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने आजमगढ़, मऊ, औरैया, गोरखपुर व मऊ समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी कर आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया है। शुरुआती जांच में एक कूटरचित आधार कार्ड बनाने के लिए तीन से 10 हजार रुपये तक वसूले जाने की बात सामने आई है।
आइजी एटीएस पीके गौतम का कहना है कि सभी आरोपितों को पुलिस रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ की जाएगी। आरोपितों के तार रोहिंग्या व बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ कराने वाले सिंडीकेट से जुड़े होने की आशंका है। कई बिंदुओं पर गहनता से छानबीन की जा रही है। कुछ अन्य आरोपितों की भी तलाश की जा रही है।