Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
ग्रेटर नोएडा में जिलाधिकारी दफ्तर पर करप्शन फ्री इंडिया संगठन के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। किसान के मुआवजे की फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए सदर तहसील के अधिकारी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए इन्होंने प्रदर्शन किया। ढाई लाख रुपए की रिश्वत का एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सदर तहसील में तैनात कानूनगो एवं ड्राइवर के द्वारा मुआवजे की फाइल पास कराने के नाम पर तहसीलदार, लेखपाल आदि के नाम से रिश्वत में लाखो रुपए मांगने का ऑडियो सामने आया है। इसी को लेकर करप्शन फ्री इंडिया संगठन के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को उपजिलाधिकारी वेद प्रकाश सिंह को एक ज्ञापन सौंपा और करप्शन फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय व आलोक नागर ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के इमलिया गांव निवासी वीर सिंह अपने मूल मुआवजे की फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए सदर तहसील में तैनात कानूनगो कुंवरपाल यादव उर्फ केपी यादव के पास पहुंचे।
उन्होंने फाइल आगे बढ़ाने के लिए मना कर दिया और कह दिया कि लेखपाल के ड्राइवर अशोक से मिल लीजिए। बेचारे किसान ने ड्राइवर से बात की तो उसने बताया कि कानूनगो साहब मुआवजे की फाइल पर हस्ताक्षर करने की एवज में ढाई लाख रुपए मांग रहे हैं।
एक ऑडियो भी वायरल हो है जिसमें दावा किया जा रहा है कि ऑडियो में सदर तहसील के कानूनगो एवं लेखपाल के ड्राइवर अशोक के बीच में ढाई लाख रुपए किस तरह बांटने हैं, उसकी चर्चा हो रही है।
इस ऑडियो में बातचीत हुई है कि मुरसदपुर गांव के किसान से फाइल पर साइन करने के लिए ढाई लाख रुपये लेने हैं। जिसमें 100000 मुझे चाहिए 50000 लेखपाल को 50000 तहसीलदार को और 50000 ड्राइवर अशोक को दे देना।
प्रदर्शन कर रहे प्रवीण भारतीय ने कहा कि गौतम बुध नगर में अधिकतर किसानों के साथ मुआवजे की फाइल के नाम पर लेखपाल, कानूनगो एवं अन्य अधिकारी ऐसे ही परेशान कर अपने ड्राइवर या प्राइवेट आदमियों से फाइल पर हस्ताक्षर करने के नाम पर मोटी रकम वसूल कर हमारे साथ भ्रष्टाचार कर रहे हैं।