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नोएडा: प्राधिकरण ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया शुरू

बुधवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 318 दर्ज किया गया। इस सीजन में पहली बार यहां का एक्यूआई रेड जोन में पहुंच गया है। वहीं ग्रेटर नोएडा में भी एक्यूआई 263 रिकॉर्ड हुआ है।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू किए गए ग्रेडेड एक्शन रिस्पॉन्स प्लान (ग्रैप) लागू के दूसरे दिन नोएडा की हवा देश भर में सबसे खराब हो गई। बुधवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 318 दर्ज किया गया। इस सीजन में पहली बार यहां का एक्यूआई रेड जोन में पहुंच गया है। वहीं ग्रेटर नोएडा में भी एक्यूआई 263 रिकॉर्ड हुआ है। अहम है कि एक्यूआई बढ़ने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगी हैं। ऐसे में आंखों में जलन, सांस और अस्थमा की समस्याएं बढ़ जाती हैं। वहीं, नोएडा प्राधिकरण ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए पानी का छिड़काव शुरू किया है।

बुधवार से सुबह से ही धुंध सी छाई रही। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रितेश तिवारी ने बताया कि इन दिनों मौसम ऐसा नहीं है कि हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज हो। उन्होंने एक्यूआई की खराब हुई स्थिति के लिए शहर में जारी गतिविधियों को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि शहर में यदि निर्माण कार्य सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर किए जाएं और धूल, धुएं से राहत मिले तो वायु गुणवत्ता कुछ बेहतर हो सकती है। अहम है कि बुधवार को जारी हुई सीपीसीबी की रिपोर्ट में नोएडा देश का एकमात्र ऐसा शहर था जहां की हवा बहुत खराब श्रेणी में यानी रेड जोन में दर्ज हुई।

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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