शहर में पानी कमी दूर होगी। सीवर ओवरफ्लो भी नहीं होगा। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण का जल विभाग 166 करोड़ रुपये से पानी और सीवर के नेटवर्क को मजबूत करेगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।अधिकारियों ने बताया कि यमुना तटबंध पर दो रेनीवेल और इसकी लाइन का निर्माण किया जाएगा है। इस पर करीब 46 करोड़ की लागत आएगी। पहले इस परियोजना के लिए सर्वे चल रहा है। वापकॉस लिमिटेड (वाटर एंड पावर कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड) भूगर्भ जल का स्थलीय परीक्षण कर रही है। इसके बाद इसकी रिपोर्ट दी जाएगी।
इस तरह के रेनीवेल के लिए चार स्थान चिह्नित किए गए हैं जिनमें से किसी दो स्थानों पर इसे तैयार किया जाएगा। इसके बनने के बाद गंगाजल की कमी के दौरान इसके पानी का उपयोग किया जाएगा। इसका टीडीएस भी बोरवेल के पानी से काफी कम करीब 400-500 तक होता है। इसके माध्यम से एक्सप्रेसवे व कई अन्य सेक्टरों में पानी की आपूर्ति हो पाएगी।
स्काडा मॉनिटरिंग सिस्टम अमल में लाएगागंगाजल परियोजना के तहत पहले से स्थापित वितरण तंत्र ऑनलाइन स्काडा मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। इससे जलापूर्ति को और त्वरित बनाने बनाया जाएगा। मोटर पैनल के अपग्रेडेशन से पानी ज्यादा डिस्चार्ज होगा। बिजली की बचत भी होगी। 30 करोड़ की लागत से शुरू होने वाली इस परियोजना में अर्नेस्ट एंड यंग कंपनी ने परीक्षण पूरा कर लिया है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ की मंजूरी के बाद यह काम शुरू हो जाएगा।
एसटीपी की होगी मरम्मत : शहर में 25 करोड़ से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की मरम्मत की जाएगी। यहां कुल चार एसटीपी हैं। इनकी क्रियाशीलता को और बेहतर बनाया जाएगा।