मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर भाजपा में टिकट वितरण को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से भाजपा के संभावित प्रत्याशी के रूप में माने जा रहे उप परिवहन आयुक्त सुरेंद्र रावत ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन कर दिया है। उनके इस कदम ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को और तेज कर दिया है मिल्कीपुर सीट पर 5 फरवरी को मतदान होना है, और भाजपा संगठन इस सीट पर ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतारने पर विचार कर रहा है, जिसकी जीत सुनिश्चित हो। सूत्रों के अनुसार, सुरेंद्र रावत का नाम संभावित उम्मीदवारों में प्रमुखता से लिया जा रहा है। रावत की छवि एक गैरविवादित और सक्षम नौकरशाह की है, जो भाजपा के लिए एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि संगठन और सरकार के कई वरिष्ठ नेता मिल्कीपुर सीट पर एक गैरविवादित नए चेहरे को प्राथमिकता देने के पक्षधर हैं। इस संदर्भ में सुरेंद्र रावत का नाम मजबूत हो जाता है। हालांकि, टिकट की दौड़ में पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी भी शामिल हैं। रामू प्रियदर्शी 1991 में सोहवल से विधायक रह चुके हैं और 2012 में भाजपा ने उन्हें मिल्कीपुर से चुनाव लड़ने का मौका दिया था, लेकिन वह हार गए थे। भाजपा अब इस बात पर मंथन कर रही है कि कौन सा चेहरा पार्टी के लिए जीत सुनिश्चित कर सकता है। मिल्कीपुर सीट भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है, और पार्टी इसे हर हाल में जीतना चाहती है। सुरेंद्र रावत का वीआरएस के लिए आवेदन इस बात का संकेत माना जा रहा है कि वह टिकट की दौड़ में गंभीरता से शामिल हैं। पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर गहन चर्चा जारी है
मिल्कीपुर उपचुनाव: BJP टिकट दावेदार उप परिवहन आयुक्त ने वीआरएस आवेदन से अटकलें तेज

मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर भाजपा में टिकट वितरण को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से भाजपा के संभावित प्रत्याशी के रूप में माने जा रहे उप परिवहन आयुक्त सुरेंद्र रावत ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन कर दिया है। उनके इस कदम ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को और तेज कर दिया है मिल्कीपुर सीट पर 5 फरवरी को मतदान होना है, और भाजपा संगठन इस सीट पर ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतारने पर विचार कर रहा है, जिसकी जीत सुनिश्चित हो। सूत्रों के अनुसार, सुरेंद्र रावत का नाम संभावित उम्मीदवारों में प्रमुखता से लिया जा रहा है। रावत की छवि एक गैरविवादित और सक्षम नौकरशाह की है, जो भाजपा के लिए एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि संगठन और सरकार के कई वरिष्ठ नेता मिल्कीपुर सीट पर एक गैरविवादित नए चेहरे को प्राथमिकता देने के पक्षधर हैं। इस संदर्भ में सुरेंद्र रावत का नाम मजबूत हो जाता है। हालांकि, टिकट की दौड़ में पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी भी शामिल हैं। रामू प्रियदर्शी 1991 में सोहवल से विधायक रह चुके हैं और 2012 में भाजपा ने उन्हें मिल्कीपुर से चुनाव लड़ने का मौका दिया था, लेकिन वह हार गए थे। भाजपा अब इस बात पर मंथन कर रही है कि कौन सा चेहरा पार्टी के लिए जीत सुनिश्चित कर सकता है। मिल्कीपुर सीट भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है, और पार्टी इसे हर हाल में जीतना चाहती है। सुरेंद्र रावत का वीआरएस के लिए आवेदन इस बात का संकेत माना जा रहा है कि वह टिकट की दौड़ में गंभीरता से शामिल हैं। पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर गहन चर्चा जारी है