Report By : ICN Network
रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस जांच शुरू हो गई है। सतर्कता विभाग ने महानिरीक्षक, प्रयागराज को पत्र भेजकर विधायक और उनके परिवार के नाम पर खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट, व्यावसायिक और कृषि संपत्तियों का पूरा विवरण मांगा है।
इसके साथ ही, जांच अधिकारी का नाम, पद और संपर्क नंबर भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। विजिलेंस टीम अब इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है।
महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी सतर्कता अनुभाग को उपलब्ध कराए।शासन ने इस संबंध में स्थानीय स्तर पर भी सतर्कता अनुभाग को निर्देश दिया है, ताकि आसानी से संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा सके। हालांकि संपत्ति का ब्योरा किसी तिथि से देना है, आदेश में यह स्पष्ट नहीं है। बनारस में सभी उप निबंधन कार्यालय (रजिस्ट्री कार्यालय) ने संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है।
वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने जमानत पा चुके साइबर अपराधी की जमानत को अदालत में मजबूत पैरवी करके खारिज करा दिया। फर्जी जमानतदारों पर केस दर्ज करके गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया। चौबेपुर थाना क्षेत्र के शिवदशा निवासी वंशनारायण सिंह के साथ अच्छी कमाई का लालच देकर साढ़े 11 लाख की साइबर ठगी हुई थी। इस मामले में साइबर क्राइम थाना में 16 जुलाई 2022 को मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस ने 16 नवंबर 2022 को अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया। ठगी करने वाले देहरादून निवासी अंकित भारद्वाज को नौ जुलाई 2024 को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। उसने एक महीने के भीतर ही जमानत हासिल कर लिया। लोहता के धमरिया निवासी इकबाल और अब्दुल उसके जमानतदार बने।लोहता पुलिस ने सत्यापन किया तो पता चला कि दोनों जमानतदारों का नाम-पता फर्जी है। अंकित भारद्वाज ने जमानतदारों को रुपयों का लालच देकर धमरिया के सुहेल की मदद से जमानतदारों का फर्जी आधार बनवाकर कोर्ट में जमानत के लिए प्रस्तुत किया। जमानत के बाद अंकित ने उन्हें 25-25 हजार दिया।
जांच के दौरान धमरिया के अली हुसैन और शकील अहमद का नाम जमानत लेने वालों में सामने आया। इनके अलावा, अंकित भारद्वाज और सुहेल के खिलाफ लोहता पुलिस ने 24 अगस्त 2024 को मामला दर्ज किया था। पुलिस ने अली हुसैन और शकील अहमद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
साइबर क्राइम थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह, सब-इंस्पेक्टर सतीश सिंह और श्याम लाल गुप्ता, तथा अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संतोष कुमार तिवारी की प्रभावी पैरवी के चलते अदालत ने अंकित भारद्वाज की जमानत रद्द कर दी।