• Sun. Jul 7th, 2024

भारत के दौरे पर बगलादेश की पीएम शेख हसीना ने मोदी के साथ की बैठक,दोनो देश शुरू करेंगे मैत्री सैटेलाइट

Report By : Ankit Srivastav, ICN Network

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत दौरे का आज दूसरा दिन है। शनिवार को राष्ट्रपति भवन में PM मोदी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्हें सेरिमोनियल वेलकम दिया गया। PM हसीना से राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी।

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने PM मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इसके बाद जॉइंट स्टेटमेंट के दौरान PM मोदी ने कहा, “हम पिछले 1 साल में करीब 10 बार मिले हैं, लेकिन फिर भी PM शेख हसीना का यह दौरा अहम है, क्योंकि वे हमारे तीसरे कार्यकाल में पहली स्टेट गेस्ट के तौर पर आई हैं।”

PM मोदी ने बताया कि दोनों देशों के बीच भारतीय करेंसी में व्यापार शुरू हो चुका है। पिछले साल दोनों देशों ने साथ मिलकर कई प्रोजेक्ट्स को पूरा किया। बांग्लादेश विकास में भारत का सबसे बड़ा पार्टनर है और उनके साथ हमारे रिश्ते बेहद अहम हैं। मैं आज शाम के क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच के लिए भी दोनों टीमों को शुभकामनाएं देता हूं।

PM मोदी ने आगे कहा, “भारत-बांग्लादेश मैत्री सैटेलाइट हमारे संबंधों को नई ऊंचाई देगी। हमारा फोकस दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। भारत और बांग्लादेश को 54 नदियां जोड़ती हैं। बांग्लादेश में तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन पर बातचीत के लिए जल्द एक टेक्निकल टीम बांग्लादेश जाएगी।

PM मोदी के स्टेटमेंट के बाद शेख हसीना ने कहा, “भारत हमारे अहम पड़ोसी देशों में से एक हैं। हमारे रिश्तों की शुरुआत 1971 में आजादी की लड़ाई के साथ हुई। मैंने आज भी उस जंग में अपनी जान कुर्बान करने वाले भारतीयों को श्रद्धांजलि दी।” इसके बाद PM शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश आने का न्योता दिया।

चीन जाने से पहले भारत के दौरे पर आईं शेख हसीना शेख हसीना जुलाई में चीन के दौरे पर जाने वाली हैं, लेकिन इससे पहले वे स्टेट विजिट पर भारत आई हैं। पिछले 15 दिन में यह दूसरी बार है जब शेख हसीना भारत दौरे पर हैं। इससे पहले वह 9 जून को PM मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए नई दिल्ली आई थीं। बांग्लादेश भारत की ‘नेबर फर्स्ट’ नीति के तहत एक महत्वपूर्ण साझेदार है।

बांग्लादेश के लिए भारत की सहमति के बिना तीस्ता मास्टर प्लान पर काम करना इतना आसान नहीं होगा। दरअसल इसके लिए बांग्लादेश को भारत के साथ तीस्ता नदी जल बंटवारा समझौता करना होगा।

साल 2011 में जब कांग्रेस की सरकार थी तब भारत, तीस्ता नदी जल समझौता पर दस्तखत करने को तैयार हो गया था। लेकिन ममता बनर्जी की नाराजगी की वजह से मनमोहन सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे।

साल 2014 में नरेंद्र मोदी के PM के एक साल बाद वे बंगाल की CM ममता बनर्जी के साथ बांग्लादेश गए। इस दौरान दोनों नेताओं ने बांग्लादेश को तीस्ता के बंटवारे पर एक सहमति का यकीन दिलाया था। लेकिन 9 साल बीतने के बावजूद अब तक तीस्ता नदी जल समझौते का समाधान नहीं निकल पाया है।

भारत ने 1975 में गंगा नदी पर फरक्का बांध का निर्माण किया था, जिस पर बांग्लादेश ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच 1996 में गंगा जल बंटवारा संधि हुई थी। यह संधि सिर्फ 30 सालों के लिए थी, जो अगले साल खत्म होने वाली है। बांग्लादेश, भारत से तीस्ता मास्टर प्लान को लेकर भी बातचीत कर सकता है। तीस्ता मास्टर प्लान के तहत बांग्लादेश बाढ़ और मिट्टी के कटाव पर रोक लगाने के साथ गर्मियों में जल संकट की समस्या से निपटना चाहता है।

इसके साथ ही बांग्लादेश तीस्ता पर एक विशाल बैराज का निर्माण कर इसके पानी को एक सीमित इलाके में कैद करना चाहता है। इस प्रोजेक्ट के लिए चीन बांग्लादेश को 1 अरब डॉलर की रकम सस्ते कर्ज पर देने के लिए तैयार हो गया है।

चीन लंबे समय से तीस्ता मास्टर प्लान के लिए बांग्लादेश को कर्ज देने की कोशिश कर रहा है मगर भारत की नाराजगी की वजह से ये डील नहीं हो पाई है। उम्मीद जताई जा रही है कि शेख हसीना इस दौरे पर कोई रास्ता तलाशने की कोशिश करेंगी।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *