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बांग्लादेश भारत से नहीं चीन से लेगा बिलियन डालर कर्ज, तीस्ता मास्टर प्लान में होगा कर्ज का इस्तेमाल

Report By : Ankit Srivastav, ICN Network

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इसी महीने 21 जून को भारत दौरे पर आएंगी। इसके बाद वो जुलाई में चीन का दौरा कर सकती हैं। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान वो चीन से तीस्ता मास्टर प्लान को लेकर डील कर सकती हैं।

तीस्ता मास्टर प्लान के तहत बांग्लादेश बाढ़ और मिट्टी के कटाव पर रोक लगाने के साथ गर्मियों में जल संकट की समस्या से निपटना चाहता है। इसके साथ ही बांग्लादेश तीस्ता पर एक विशाल बैराज का निर्माण कर इसके पानी को एक सीमित इलाके में कैद करना चाहता है। इससे उसे एक बड़ा जमीन का हिस्सा मिल सकेगा जिसका वह इस्तेमाल कर पाएगा।

प्रोजेक्ट के लिए चीन बांग्लादेश को 1 बिलियन डॉलर की रकम सस्ते कर्ज के तौर पर देने के लिए तैयार हो गया है। हालांकि बांग्लादेश को कर्ज देने के लिए भारत भी तैयार है। पिछले महीने भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने ढाका की यात्रा के दौरान तीस्ता मास्टर प्लान में सहयोग करने की इच्छा जताई थी।

भारत की तरफ से संकेत मिलने के बावजूद शेख हसीना की दिलचस्पी चीन से कर्ज लेने में दिखाई दे रही है। बीते बुधवार को शेख हसीना ने संसद में कहा कि बांग्लादेश तीस्ता मास्टर प्लान को लागू करने के लिए चीन से आसान शर्तों पर कर्ज हासिल करने की कोशिश कर रहा है।

जानकारों का कहना है कि कि चीन लंबे समय से तीस्ता मास्टर प्लान के लिए बांग्लादेश को कर्ज देने की कोशिश कर रहा है मगर भारत की नाराजगी की वजह से वह अब तक ऐसा नहीं कर पाया था। अब अचानक बांग्लादेश ने चीन के कर्ज प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बांग्लादेश को इसके लिए भारत की सहमति मिली है या फिर बांग्लादेश की नीति में कोई बदलाव आ गया है।

लंबे समय से रुका हुआ जल बंटवारा समझौता बांग्लादेश के लिए भारत की सहमति के बिना तीस्ता मास्टर प्लान पर काम करना इतना आसान नहीं होगा। दरअसल इसके लिए बांग्लादेश को भारत के साथ तीस्ता नदी जल बंटवारा समझौता करना होगा। हालांकि ये इतना आसान नहीं है। साल 2011 में जब कांग्रेस की सरकार थी तब भारत, तीस्ता नदी जल समझौता पर दस्तखत करने को तैयार हो गया था। लेकिन ममता बनर्जी की नाराजगी की वजह से मनमोहन सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत नहीं चाहता कि तीस्ता मास्टर प्लान प्रोजेक्ट चीन को मिले। इसकी वजह रणनीतिक और सुरक्षा से जुड़ी वजहें हैं। दरअसल चीन को मिले अधिकांश प्रोजेक्ट वहां की सरकारी कंपनियों को मिलते हैं। ऐसे में भारत को डर है कि वो जल प्रवाह से जुड़ा डेटा और नदी से जुड़ी कई जानकारी चीनी सरकार को दे सकते हैं।

भारत नहीं चाहता कि इतनी महत्वपूर्ण जगह के समीप चीन की मौजूदगी हो। जानकारों का मानना है कि तीस्ता मास्टर प्लान प्रोजेक्ट में चीन की एंट्री से भारत-बांग्लादेश का ये जल विवाद और लंबा खिंच सकता है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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