मामले की जांच राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे और कानपुर के तत्कालीन मंडलायुक्त अमित गुप्ता की कमेटी ने की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि क्रय समिति के अध्यक्ष के रूप में लखनऊ के जिलाधिकारी और सदस्य सचिव के रूप में सरोजनीनगर के तहसीलदार ने अपने दायित्यों का पालन नहीं किया, जिससे अनियमित भुगतान हुआ और शासकीय धन की हानि हुई। घपले के समय लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश थे। दुबे कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मामले में तत्कालीन एसडीएम संतोष कुमार, शंभु शरण, आनंद कुमार व देवेंद्र कुमार, तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह, विजय कुमार सिंह, उमेश कुमार व मनीष त्रिपाठी, नायब तहसीलदार कविता ठाकुर, राजस्व निरीक्षक राधेश्याम, जितेंद्र कुमार सिंह व नैन्सी शुक्ला और लेखपाल हरिश्चंद्र व ज्ञान प्रकाश अवस्थी को दोषी ठहराया गया है। राजस्व विभाग ने कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट नियुक्ति विभाग, राजस्व परिषद, लखनऊ के डीएम और कमिश्नर को भेज दी है। आगे की कार्रवाई संबंधित नियुक्ति प्राधिकारी करेंगे। भटगांव में जमीन अधिग्रहण घोटाले के तहत 79 फर्जी आवंटियों के नाम राजस्व रिकॉर्ड से हटाए जाएंगे और जमीन को फिर से ग्राम समाज के खाते में दर्ज किया जाएगा। इस घोटाले में हुई सभी खरीद-फरोख्त को अमान्य माना जाएगा। अवैध रूप से यूपीडा को जमीन बेचकर मुआवजा पाने वालों से नियमानुसार राशि वापस ली जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सरोजनीनगर के उपनिबंधक कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर पहले से विभागीय जांच चल रही है, उसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।
यूपी जमीन अधिग्रहण घोटाला: IAS अभिषेक प्रकाश समेत 16 अधिकारी दोषी, सीएम योगी ने दी मंजूरी

मामले की जांच राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे और कानपुर के तत्कालीन मंडलायुक्त अमित गुप्ता की कमेटी ने की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि क्रय समिति के अध्यक्ष के रूप में लखनऊ के जिलाधिकारी और सदस्य सचिव के रूप में सरोजनीनगर के तहसीलदार ने अपने दायित्यों का पालन नहीं किया, जिससे अनियमित भुगतान हुआ और शासकीय धन की हानि हुई। घपले के समय लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश थे। दुबे कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मामले में तत्कालीन एसडीएम संतोष कुमार, शंभु शरण, आनंद कुमार व देवेंद्र कुमार, तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह, विजय कुमार सिंह, उमेश कुमार व मनीष त्रिपाठी, नायब तहसीलदार कविता ठाकुर, राजस्व निरीक्षक राधेश्याम, जितेंद्र कुमार सिंह व नैन्सी शुक्ला और लेखपाल हरिश्चंद्र व ज्ञान प्रकाश अवस्थी को दोषी ठहराया गया है। राजस्व विभाग ने कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट नियुक्ति विभाग, राजस्व परिषद, लखनऊ के डीएम और कमिश्नर को भेज दी है। आगे की कार्रवाई संबंधित नियुक्ति प्राधिकारी करेंगे। भटगांव में जमीन अधिग्रहण घोटाले के तहत 79 फर्जी आवंटियों के नाम राजस्व रिकॉर्ड से हटाए जाएंगे और जमीन को फिर से ग्राम समाज के खाते में दर्ज किया जाएगा। इस घोटाले में हुई सभी खरीद-फरोख्त को अमान्य माना जाएगा। अवैध रूप से यूपीडा को जमीन बेचकर मुआवजा पाने वालों से नियमानुसार राशि वापस ली जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सरोजनीनगर के उपनिबंधक कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर पहले से विभागीय जांच चल रही है, उसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।